कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / अधिकार क्षेत्र में अस्पष्टता ना होने की वजह से बीते दिनों 8 राज्यों ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून की धारा के तहत दी गई आम सहमति वापस ले ली . और अब वे राज्य प्रत्येक मामले के आधार पर सहमति दे रहे हैं. इस वजह से सीबीआई को जांच में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इसको देखते हुए कार्मिक और लोक शिकायत विभाग ने संसद की स्थाई समिति से पूछा उसके अधिकार को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने और शक्तियां देने के लिए किस तरह का कानून लाने का जरूरत पड़ेगा. इस पर समिति ने इस समस्या से सहमति जताते हुए केंद्र से आकलन करने की सिफारिश की थी कि क्या सीबीआई के लिये कानून लाने की जरूरत है. संसद में 10 दिसंबर को पेश रिपोर्ट में समिति ने कहा कि एजेंसी से जल्द सुझाव देने को कहा गया है. जांच एजेंसी से रूपरेखा देने को कहा गया है. सीबीआई को राज्य जहां छापेमारी करने से पहले से अनुमति लेनी होगी उसे जांच में बाधा आ रही है.