प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /बोरिंग रोड स्थित जागो वाहन प्रांगण में बिहार विशेष राज्य दर्जा अभियान समिति द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया ।जिसमें समिति के अध्यक्ष श्री संजय सिसोदिया ने कहा कि बिहार अत्यंत पिछड़ा हुआ है ।यहां के लोग पलायन कर दूसरे राज्यों में रिक्शा ,ठेला, मजदूरी करने के लिए विवश है ।जीविकोपार्जन के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। वहां बेइज्जती सहन कर, मार खाकर, डरकर रह रहे है। कारण जो कुछ खनिज संपदा थी बटवारे मे झारखंड में चली गई। एनडीए सरकार और तत्कालीन लालू जी की सरकार ने 2000 में बटवारा कर बिहार को भीख मांगने के लिए कटोरा पकड़वा दिया, सौतेला व्यवहार किया गया। किसी नेता ने आवाज नहीं उठाई। जाति जनगणना के लिए सभी पार्टी के नेता दिल्ली पहुंच गए थे, लेकिन विशेष राज्य की दर्जा के लिए क्यों नहीं इकट्ठे हुए ।इसीलिए यह लड़ाई जनता खुद लड़ेगी । विशेष राज्य के दर्जा को लेकर रहेगी। हमारे पास क्या है क्यों कोई उद्योग लगाएगा, न कच्चा माल है ,ना सस्ता जल का रास्ता ,न टैक्स में छूट। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से टैक्स में छूट और सस्ता लेबर मिल जाएगा ।जिससे उद्योगपति आकर्षित होकर उद्योग लगाएंगे। विशेष राज्य के दर्जे के लिए जो गाडगिल फार्मूला तय है:1: अंतरराष्ट्रीय सीमा से चटा हो। नेपाल बिहार से 726 किलोमीटर सटा हुआ ह।2:आर्थिक स्थिति कमजोर हो।- बिहार सबसे निचले पायदान पर है जहां 50,000 से भी कॉम प्रति व्यक्ति आय है कुछ जिलों में तो 10000 से भी नीचे प्रति व्यक्ति आय हैं 3: पर्वतीय क्षेत्र:बिहार में 119 पहाड़ी क्षेत्र है, बिहार में सिर्फ बाढ़ और सूखा की मैदानी भूमि है अर्थात मरूभूमि है।4: कम आबादी हो कम आबादी को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन और घनी आबादी वाले को जी जीविकोपार्जन के लिए क्यों नहीं।5; भौगोलिकपरिस्थितिभौगोलिक दृष्टि से आधा जमीन बाढ़ में और आधा सुखाड़ में, खनिज संपदा नहीं। संविधान में संशोधन हो सकता है तो गाडगिल फार्मूले में क्यों नहीं। बिहार की जनता जग चुकी है। हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे।कॉन्फ्रेंस में ममता पांडेय,आलोक आजाद,सुनील गुरु,यूपी के बिहारी बाबु, किशोर कुणाल,रंजीत कुमार,सोनू कुमार आदि लोग मौजूद थे।