सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट / प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बनारस की चर्चित मिठाइयों का जिक्र कर बनारसी जायके की देश को याद दिला दी है। अब वाराणसी की इन खास मिठाइयों और पेय को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि लस्सी और रसगुल्ला तो ठीक है लेकिन यह लौंगलता और मलइयो भला क्या चीज है. जी हां, बनारस की खास मिठाई लौंगलता और मलइयो अपनी अलग ही विशेषता रखते हैं। दरअसल इन मिठाइयों को बनाने में खास तकनीक का ख्याल रखा जाता है।बनारसी साड़ी और बनारस का पान तो दुनियाभर में लोकप्रिय है लेकिन क्या आपने कभी बनारस की इस खास मिठाई के बारे में सुना है। हम बात कर रहे हैं बनारस में बनने वाली एक खास मिठाई की जो ओस की बूंदों से तैयार की जाती है। ये इतनी लजीज होती है कि देखते ही आप खुद को कंट्रोल नही कर पाएंगे। बनारस की ये खास मिठाई है ‘बनारसी मलाइयों’। इस मिठाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बनाने में ओस की बूंदों का उपयोग किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह मिठाई केवल सर्दी के तीन महीनों में ही बनाई जाती है।मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे दूध को बड़े-बड़े कड़ाहों में खौलाया जाता है। फिर इसके बाद रात में उस खौले दूध को खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है। पूरी रात ओस पडऩे की वजह से इसमें झाग पैदा होता है। सुबह दूध को मथनी से मथा जाता है। फिर इसकेबाद छोटी इलायची, केसर एवं मेवा डालकर पुन: मथा जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसे कुल्हड़ में डालकर बेचा जाता है।लाैंगलता एक पारंपरिक मिठाई है। यह बहुत ही कम समय में बनकर तैयार होता है। इसमें मैदा, खोवा के साथ ही लौंग का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे ‘लौंग लतिका’ भी कहते हैं। बनारस की हर दुकान पर ये करीने से सजी हुई रखी रहती है। जो काशी आता है, वो एक बार इसका स्वाद जरूर चखता है।बनारसी लस्सी भी यहां की पहचान है। काशी आने वाले पर्यटक इसका स्वाद खास ताैर से लेते हैं। यहां आने वाले विदेशी भी इसका स्वाद जरूर चखते हैं। चौक इलाके की कचौड़ी गली में ‘ब्लू लस्सी’ के नाम से एक दुकान है। यहां आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी। लंका में पहलवान की लस्सी, चौक, बांसफाटक, मैदागिन, गोदौलिया की लस्सी बहुत ही खास है। वहीं रामनगर में लस्सी के साथ रबड़ी का प्रयोग करके इसे स्वादिष्ट बनाया जाता है।