काठमाण्डू/ पटना, १६ जनवरी। मकर संक्रांति के दिन गत शनिवार को, नेपाल में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना की गई। काठमाण्डू के शांति नगर स्थित तृप्ति साधना सभागार में, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में, नगर के साहित्यकारों और प्रबुद्ध हिन्दी-प्रेमियों की एक सभा संपांन हुई, जिसमें ‘नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ की स्थापना का निर्णय लिया गया। नेपाली और हिन्दी के वरिष्ठ और अत्यंत सम्मानित साहित्यकार दा रामदयाल ‘राकेश’ को सम्मेलन का अध्यक्ष और डा मंचला झा को प्रधानमंत्री चुना गया। नेपाल के पूर्व उपराष्ट्रपति पं परमानंद झा सम्मेलन के संरक्षक बनाए गए हैं।स्थापना की सभा की अध्यक्षता करते हुए, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि नवगठित संस्था का कर्तव्य संपूर्ण नेपाल में हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन के कार्य सहित, नेपाली एवं अन्य सभी स्थानीय लोक-भाषाओं के विकास में भी अपना योगदान सुनिश्चित करना भी होगा। नवगठित सम्मेलन को, हिन्दी और नेपाली भाषाओं के बीच सौहार्दपूर्ण समन्वय और समावेशी विकास के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने नवगठित कार्यसमिति को बधाई देते हुए, उनके उद्देश्यों की पूर्ति में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सर्वतोभावेन सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह संस्था भारत-नेपाल के मध्य एक साहित्यिक-सांस्कृतिक परस्पर सहयोग का सेतु भी सिद्ध होगी। अपने उद्बोधन में डा सुलभ ने नयी कार्यसमिति को सम्मेलन की नियमावली के निर्माण हेतु भी अनेक परामर्श दिए। सभा में निकट भविष्य में इसके प्रथम महाधिवेशन के आयोजन पर भी विमर्श किया गया। कार्यसमिति की अगली बैठक में इसके संबंध में सभी आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन की नवगठित प्रथम कार्यसमिति इस प्रकार है;- डा राम दयाल ‘राकेश’ (अध्यक्ष), कलानिधि दाहाल, कृष्णचंद्र झा (दोनों उपाध्यक्ष), डा मंचला झा (प्रधानमंत्री), संगीता ठाकुर (साहित्यमंत्री), राम किशोर मिश्र (प्रबंध मंत्री), उपेंद्र यादव (संगठन मंत्री), डा विनोद विश्वकर्मा (प्रचार मंत्री), राधा यादव (लोकभाषा मंत्री), राम प्रकाश पाठक (अर्थ मंत्री), भारती बश्याल (कला मंत्री), मंजु प्रधान, वैदेही मिश्र, रश्मि रिमाल, रेणु घीमिरे, रूपा मिश्र, राधेश्याम ठाकुर, संतोष कुमार पोखरेल, वसन्त श्रेष्ठ, मणिराज सिंह तथा काशिकान्त ठाकुर (सभी कार्यकारिणी-सदस्य)