सियाराम मिश्रा, वरिष्ठ संपादक . विधानसभा चुनाव शुरू हो चुका है. आदर्श आचार संहिता लागू है. चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा भी तय कर दी है. इसके साथ ही चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के कार्यक्रमों में चाय नाश्ते और खाने की थालियों पर भी आयोग की पैनी नजर रहेगी. चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों को थोड़ा संभल कर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के नाश्ते और भोजन का इंतजाम करना पड़ेगा, क्योंकि घर से लेकर कार्यालयों में होने वाले नाश्ते, भोजन, स्नेक्स की प्लेट पर सीधे आयोग के रडार पर होंगी. इसके लिए आयोग ने एक पूरी गाइडलाइन भी जारी की है.चुनाव शुरू होते ही खाने पीने और दावतों का इंतजाम देखा जाता रहा है. गांव से लेकर शहरों तक चुनाव आते ही नेताजी के पीछे चलने वाली फौज की मौज आ जाती थी, क्योंकि सुबह नाश्ते से लेकर लंच शाम का स्नेक्स और रात का खाना सबकुछ नेताजी के सौजन्य से चलता था, लेकिन इस बार नेताजी के घर से लेकर कार्यालय तक होने वाली इस पेट पूजा भी पर आयोग की नजर रहेगी. समोसे से लेकर चाय, बनारसी सब्जी कचौड़ी, जलेबी से लेकर भोजन की थाल तक का रेट चुनाव आयोग की ओर से तय कर दिया गया है.मसलन, इस बार प्रत्याशियों की चाय की कीमत जहां छह रुपये कर दी गई है तो वहीं स्पेशल चाय दस रुपये रखी गई है. कॉफी का छोटा गिलास 12 तो बड़े ग्लास की कीमत बीस रुपये तय की गई है. लंच में अगर बनारसी सब्जी कचौड़ी खिलाई गई तो छह कचौड़ी और एक मीठा का लंच पैकेट 50 रुपये के रेट से प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ा जाएगा.इसके अलावा रसगुल्ला, लौंगलत्ता और कटलेट 15 रुपये प्रति पीस, राजभोग, रसमलाई, रसमाधुरी 24 रुपये प्रति पीस, बर्फी दस रुपये प्रति पीस, टिक्की चाट 25 रुपए प्रति प्लेट, सादा समोसा सात रुपये, छोले के साथ समोसा बीस रुपये प्रति प्लेट, सोहाल पांच रुपये, ब्रेड पकौड़ा दस रुपये का होगा. सौ ग्राम जलेबी 16 रुपये की जोड़ी जाएगी.