पूर्णिया -पटना कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे का निधन हो गया । उनके निधन पर CM नीतीश कुमार समेत अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन ने गहरा शोक व्यक्त किया है।कंट्री इनसाइड न्यूज़ ग्रुप नई दिल्ली नें लिली रे के निधन पर शोक जताया.26 जनवरी 1933 को मधुबनी जिले में जन्म लेने वाली लिली रे ने दिल्ली में अंतिम सांसें लीं। लिली रे के पति का नाम डॉक्टर हरेंद्र नारायण राय था।लिली रे ने मरीचिका नामक मैथिली उपन्यास का लेखन किया था । जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी का पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। 2004 में लिली रे को प्रबोध साहित्य सम्मान भी दिया गया।उपन्यास के साथ पटाक्षेप धारावाहिक, उपसंहार, जिजीविषा, रंगीन परदा और लाली गुरौंस का लेखन किया। मैथिली साहित्य जगत में शोक की लहर छा गयी। मैथिली के प्रख्यात साहित्कार डॉ. विभूति आनंद ने बताया कि लिली रे का जाना मैथिली के लिए नुकसान है। डॉ. विभूति ने बताया कि लिली रे को उपन्यास ‘मरीचिका के लिए वर्ष 1982 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।