सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट मऊ से /ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे,मुख्तार अंसारी काे नामांकन के लिए बांदा जेल को निर्देश.विधायक मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह द्वारा एमपी-एमएलए कोर्ट में किए गए आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने कहा है कि चुनाव लड़ना उनका अधिकार है, इससे वंचित नहीं किया जा सकता।जेल में नोटरी अधिवक्ता, फोटोग्राफर, अधिवक्ता आदि 22 लोगों मिलान कराने पर कोर्ट ने जेल मैनुअल के अनुसार मिलान कराने का निर्देश बांदा जेल अधीक्षक को दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब विधायक मुख्तार अंसारी का 356 मऊ सदर विधानसभा से सुभासपा के बैनर तले चुनाव लड़ना तय हो गया है। गुरुवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट दिनेश चौरसिया की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए जेल अधीक्षक बांदा को निर्देश दिया कि वे जेल मैनुअल व भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशो के तहत आवेदक के नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।न्यायालय ने उक्त आदेश को ई-मेल के जरिए बांदा जेल अधीक्षक को भेजने के निर्देश दिए। सदर विधायक मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने अदालत में आवेदन किया था कि 356 विधानसभा मऊ सदर सीट से सुभासपा के चुनाव चिह्न से मुख्तार अंसारी चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए नामांकन 10 से 17 फरवरी तक कलेक्ट्रेट परिसर में होगा। आरोपित अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत चुनाव लड़ना चाहते हैं। जेल में आवेदक से कोविड के चलते किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है।अंसारी के अधिवक्ता ने दो सेट में नामांकन के लिए मुख्तार अंसारी के प्रस्तावक, समर्थक, अधिवक्ता तथा नोटरी वकील एवं फोटोग्राफर सहित कुल 22 लोगों के बांदा जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी थी। ताकि उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर एवं उसका सत्यापन बांदा जेल अधीक्षक द्वारा कराया जा सके। इस आवेदन के विरोध में एडीजीसी गैंगस्टर कृष्णशरण सिंह ने आपत्ति दी कि जेल मैनुअल व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। अभियुक्त के संवैधानिक अधिकार के संरक्षण करने का क्षेत्राधिकार उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट को है, न कि इस अदालत को है। एडीजीसी द्वय कृष्णशरण व राणाप्रताप सिंह ने उक्त आवेदन का विरोध किया। न्यायालय में दी गई अर्जी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि मुख्तार अंसारी मऊ सदर से वर्तमान में विधायक हैं। न्यायालय ने अभियोजन व आवेदक के अधिवक्ता को सुनने के बाद आदेश दिया।