सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट / लंबे इंतजार और प्रयास के बाद शुरू हुई चीनी मिल गन्ने की कमी के कारण बंद करनी पड़ी। दरअसल लंबे समय से गन्ना किसानों की उपेक्षा और गन्ने की उचित कीमत न मिलने की वजह से चीनी का उत्पादन प्रभावित होता रहा है। इस लिहाज से गन्ना किसानों के सामने बड़ी चुनौती आ गई थी। अब दोबारा चीनी मिल का काम शुरू हुआ तो लगा कि मिल के साथ किसानों के दिन भी बहुरेंगे। लेकिन, चीनी मिल का हाल भी बेहाल ऐसा हुआ कि कुछ गिनती के ही किसान गन्ने की खेती में लिप्त रहे। आखिरकार शनिवार को चीनी मिल को बंद करना.आजमगढ़ चीनी मिल सठियांव पेराई सत्र 2021-22 कभी तकनीकी फाल्ट तो कभी गन्ने के आभाव में पेराई कार्य बंद रहा। जिससे उत्पादन कार्य प्रभावित होकर रह गया यह पहली बार नहीं जब चीनी मिल बंद हुई इससे पहले भी कई बार चीनी मिल को बंद करना पड़ा है। दिसम्बर माह में चीनी मिल का पेराई कार्य आरम्भ हुआ था। इसके बाद कभी तकनीक गड़बड़ी तो कभी गन्ने के आभाव में चीनी मिल को बंद करना पड़ा है।शनिवार को आठ घन्टे से अधिक समय से गन्ने की आपूर्ति न होने के कारण शनिवार को भी सुबह 7.30 बजे से चीनी मिल बंद होकर अब तक चालू नहीं हो सकी है। इस प्रकार चीनी मिल आठ घण्टे से अधिक बंद रही कभी बंद तो कभी चालू करके चीनी मिल सठियांव ने 20 लाख 67 हजार कुन्तल गन्ने की पेराई कर ली है। इसी प्रकार चीनी का उत्पादन एक लाख 34 हजार कुन्तल हुआ है। जबकि 50 हजार कुन्तल चीनी का विक्रय भी किया गया।इस सम्बन्ध मे जीएम लालता प्रसाद सोनकर ने बताया पिछले माह अपेक्षा इस माह रिकवरी दर में सुधार के साथ साथ बढ़ी है। गन्ना का पेराई कार्य अपने अन्तिम दौर चल रहा है। जल्द चीनी मिल चालू कर दी जाएगी।