पटना, २ मार्च। अंग्रेज़ी के प्राध्यापक और हिन्दी के कवि पद्मश्री डा रवींद्र राजहंस हास्य और व्यंग्य के अत्यंत समर्थ और संवेदनशील कवि थे। वे आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं, क्योंकि एक कवि कभी नहीं मरता। वे सम्मोहित करनेवाली कटाक्ष कला से संपन्न एक सिद्ध और प्रसिद्ध कवि थे।यह बातें बुधवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में डा राजहंस की ८३वीं जयंती पर आयोजित समारोह में विद्वान साहित्यकारों ने कही। सम्मेलन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार जियालाल आर्य की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन डा राजहंस की विधवा प्रो आरती राजहंस ने किया। एक निजी यात्रा पर नगर से बाहर गए सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ द्वारा भेजे गए संदेश को मंच के संचालक और कवि सुनील कुमार दूबे ने पाठ किया। अपने संदेश में डा सुलभ ने अपने आत्मीय संबंधों की चर्चा करते हुए डा राजहंस को सम्मोहित करनेवाली कटाक्ष-कला से सपन्न एक महान व्यंग्यकार बताया और कहा कि वे व्यंग्य के सिद्ध और प्रसिद्ध कवि थे।बिहार गीत के रचयिता और हिन्दी प्रगति समिति, बिहार के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण ने कहा कि राजहंस एक बड़े कवि थे। वे आज भी ज़िंदा हैं। क्योंकि उनके जैसा कवि कभी नहीं मरता, अपनी कविताओं में ज़िंदा रहता है। एक दौर था जब कोई ऐसा दिन न गुजरता था, जब हम दोनों न मिलते हों। उनकी स्मृतियाँ हमारे हृदय में सदा उनका स्थान बनाए रखती है।वरिष्ठ कवि प्रो अरुण कमल ने कहा कि राजहंस जी की कविताओं ने समाज के हर पक्ष को छुआ है। वे एक समर्थ कहानीकार भी थे। उन्हें अमेरिकन फ़ाउंडेशन का स्कौलरशिप भी मिला था। उनकी कविया “कहाँ है भला आदमी?” को बहुत प्रसिद्धि मिली । उनकी दृष्टि में, जो दूसरों का कष्ट समझता हो, वही भला आदमी हो सकता है। जब उन्हें भारत की सरकार ने पद्म-अलंकरण से विभूषित किया था तो इसी सभागार में उनका नागरिक अभिनन्दन किया गया था।सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, डा रमेश सिन्हा, भगवती प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ कवयित्री किरण सिंह, डा उपेन्द्रनाथ पाण्डेय, कवि कमला प्रसाद, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश’, श्रीराम तिवारी, डा मधु वर्मा, पारिजात सौरभ ने भी अपने श्रद्धा-उद्गार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत कवि के पुत्र और नागालैण्ड सरकार में मुख्यसचिव अमृत कलश और धन्यवाद-ज्ञापन उनके दूसरे पुत्र और भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिकलश ने किया।इस अवसर पर, पटना के आयकर आयुक्त और डा राजहंस के जमाता राजीव सिन्हा, लोकप्रिया कवयित्री आराधना प्रसाद, डा शालिनी पाण्डेय, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, परवेज़ आलम, शमा कौसर ‘शमा’, डा रेखा भारती, श्वेता मिनी, डा सुषमा कुमारी, डा मीना कुमारी परिहार, ऋचा वर्मा, डा साधना ठाकुर, आशा त्रिपाठी, डा सुशीला, डा धर्मशीला, डा मंगला रानी, डा नागेशवर यादव, डा ओम् प्रकाश जमुआर, बच्चा ठाकुर, मनीषा चंद्रा, रिमझिम वर्षा, प्रमिला शरण समेत बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।