प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर पटना के टी.पी.एस. कॉलेज, पटना के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया । अतिथियों का स्वागत करते हुए जन्तु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ज्योत्स्ना कुमारी ने कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य वन्य जीवों की सुंदरता और विविधता के महत्व को रेखांकित करते हुए इनकी रक्षा हेतु समाज में जन जागरूकता फैलाना है ।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ उपेंद्र प्रसाद सिंह ने किया । उन्होंने इस कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य और प्रकृति को शान्ति और मित्रता से रहना चाहिए । पृथ्वी पर सभी जीवों की रक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी है । उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के उद्देश्यों की भी प्रशंसा की । विशिष्ट वक्ता के रूप में महाविद्यालय के दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. श्यामल किशोर ने कहा कि पृथ्वी सभी जीवों और वनस्पतियों का समान घर है । लेकिन यह दुखद है कि प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से न सिर्फ मानव जाति को नुकसान पहुंचता है बल्कि जैव विविधता भी खतरे में पड़ जाती है । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अरुण कुमार महाविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष थे । उन्होंने कहा कि वर्तमान दिवस की थीम मुख्य प्रजातियों और पारिस्थितिक व्यवस्था को बहाल करना है। वर्ष 2013 से विश्व स्तर पर इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य यह है कि हम पर्यावरण संरक्षण के लाभों को समझ सकें । जीव और वनस्पति प्रकृति द्वारा हमें दिया गया खज़ाना है और यह मानव जीवन से गहन रूप से संबंधित है । परिचर्चा में भाग लेते हुए विभाग के छात्रों ऋचा, प्रगति, प्रदीप,अंकित, अभिमन्यु, तेजस्वी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने जैव-विविधता की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की । इस अवसर पर डॉ. कृष्णनंदन प्रसाद, डॉ. अबु बकर रिज़वी ,डॉ. जावेद अख्तर खान, डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. रूपम, डॉ. शिवम यादव, डॉ.हेमलता, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. मुकुंद कुमार, डॉ.नूतन, डॉ. नवेन्दु शेखर, डॉ. उषा किरण , डॉ. अंजलि प्रसाद , डॉ.दीपिका, डॉ. शशि प्रभा दूबे, डॉ. सुशोभन पलाधि, डॉ. विनय भूषण,डॉ. शशि भूषण चौधरी, डॉ. तनुजा आदि के साथ सभी महाविद्यालय के स्टाफ और छात्र गण उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन जन्तु विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. सानंदा सिन्हा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन नीरज कुमार रंजन के द्वारा किया गया ।