दिल्ली / देश के इंजीनियरों ने “स्वदेशी कवच “का सफल परीक्षण कर रोक दी ट्रेन की टक्कर – रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव रहे ट्रेन में मौजूद . रेल मंत्री ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और अपने इंजीनियर काबिलियत पर पूरा भरोसा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कवच तकनीक से लैस पटरी पर आने वाले समय से 400 से अधिक वंदे मातरम ट्रेन देश से रेल में रेल यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल देगी. रेल मंत्री ने कहा कि हादसे को रोकने में मदद मिलेगी. यूरोपियन प्रणाली से सस्ती है या प्रणाली. यूरोपियन तकनीक में एक से डेढ़ करोड़ प्रति किलोमीटर का खर्च आता है जबकि एक कवच में 40 से 50लाख रुपए प्रति किलो मीटर खर्चा आएगा. 180 किलोमीटर की रफ्तार पर कवच सफल रहा है. कवच आपात स्थिति के दौरान SOS संदेश भेजेगा. नेटवर्क मॉनिटर प्रणाली से ट्रेन परिचालन कि केंद्रीयकृत जीवंत निगरानी हो सकेगी. यह परीक्षण समाप्त होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रेन रुकने पर लोको पायलट GH प्रसाद के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी . दक्षिण मध्य रेलवे के लोको पायलट प्रसाद को शुक्रवार का दिन जीवन भर याद रहेगा. इस ट्रेन के इंजन में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल के वरिष्ठ अधिकारियों को बिठाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर हैदराबाद से मुंबई रेलवे मार्ग पर तेजी से बढ़े जा रहे थे. मगर जिस पटरी पर ट्रेन से चल रही थी उसी पर गला गुडा सेक्शन के पास एक दूसरी ट्रेन का इंजन खड़ा था. पर लोको पायलट को ब्रेक नहीं लगाने के निर्देश थे. दूसरी ट्रेन के इंजन से 300 मीटर पहले कवच प्रणाली ने इस ट्रेन को ऑटोमेटिक ब्रेक लगा दी. यह देखकर लोको पायलट को जान में जान आई.