जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (नयी दिल्ली), 09 मार्च ::जीकेसी ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को कहा कि महिलायें हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। आज के समय में महिलाएं किसी भी पैमाने पर पुरुषों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा, शिक्षा हो या फिर चिकित्सा, राजनीति हो या फिर समाजसेवा, सिनेमा हो या फिर खेलकूद या फिर विज्ञान महिलायें हर मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहरा रही हैं। महिलाएं आज पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में उनसे कदम से कदम मिलाकर काम कर रही हैं। उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। बस उनके हौसलों को पंख देने की जरूरत है।कार्यक्रम के संयोजक प्रेम कुमार ने बताया कि जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वर्चुअल “सशक्तीकरण संगोष्ठी” का आयोजन किया था। महिलाओं के प्रति सम्मान को दर्शाते हुये जीकेसी ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन के मार्गदर्शन था।उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण संगोष्ठी का संचालन कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव सोमिका श्रीवास्तव ने की और धन्यवाद ज्ञापन ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने किया।डिजिटल-तकनीकी और संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव, डिजिटल-तकनीकी और संचार प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, ग्लोबल उपाध्यक्ष आनंद सिन्हा और डिजिटल-आईटी प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश आशुतोष ब्रजेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। संगोष्ठी में शिरकत करने वाली सभी महिला शक्तियों को जीकेसी ने प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया।उक्त अवसर पर जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि चाहे खेल-कूद की दुनिया हो या अंतरिक्ष विज्ञान, सीमाओं की सुरक्षा हो या फिर समाज उत्थान की बेटियां हर कदम पर बढ़ा रही है भारत का मान, महिला सशक्तिकरण से ही बढ़ेगा मां भारती का स्वाभिमान।उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में महिलाएं अपनी योग्यता व आत्मविश्वास के दम पर अपनी पहचान कायम कर रही है तथा सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनकर नारी उत्थान की नई दास्तां लिख रही है। आइए, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम सभी महिलाओं की गरिमा को बनाये रखने तथा सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति की समान भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लें।महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी में महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रितु खरे, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष श्रुति सिन्हा, मुख्य वित्तीय पदाधिकारी निष्का रंजन, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव शिवानी गौड़, राष्ट्रीय सचिव सुबाला वर्मा, अध्यक्ष नेपाल डा. पूनम कर्ण, राष्ट्रीय सचिव महिला प्रकोष्ठ रचना सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष बिहार डा. नम्रता आनंद, प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा रजनी श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष आसाम नूतन सिन्हा, अध्यक्ष अमृतसर पुष्पाजंली वर्मा, अध्यक्ष कला संस्क़ति प्रकोष्ठ झारखंड मृणालिनी अखौरी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष महाराष्ट्र मनीषा सिन्हा, अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ राजस्थान मुक्ता माथुर, कार्यवाहक अध्यक्ष कला-संस्कृति प्रकोष्ठ महाराष्ट्र डा. शालिनी श्रीवास्तव बैरागी, प्रदेश उपाध्यक्ष शिक्षा प्रकोष्ठ बिहार रश्मि सिन्हा और उत्तर प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ की सचिव अलका सक्सेना ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।उन्होंने बताया कि मृणालिनी अखौरी ने अपनी स्वरचित कविता “सारे जग पर भारी हूँ मैं आज के युग की नारी हूँ मैं”, जबकि डा. शालिनी श्रीवास्तव बैरागी ने “रहें ना रहे हैं” गाकर लोगों का दिल जीत लिया।महिला संगोष्ठी में शिरकत करने वाली महिला शक्तियों ने कहा कि 08 मार्च का दिन महिलाओं को समर्पित किया जाता है। दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ भेद-भाव को खत्म करने के लिए इस दिन को खास सेलिब्रेट किया जाता है। साथ ही इस दिन को इसलिए भी सेलिब्रेट किया जाता है, जिससे महिलाओं के विकास पर ध्यान दिया जाए, साथ ही उनकी उपलब्धियों पर भी गौर किया जा सकें। इस दिन उन महिलाओं को याद किया जाता है, जिन्होंने उलब्धियां, जज्बे के साथ आगे बढ़ने से लेकर कई ऊच्चाईंयां हासिल की है। नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है। यह जरूरी है कि हम स्वयं को और अपनी शक्तियों को समझें। जब कई कार्य एक समय पर करने की बात आती है तो महिलाओं को कोई नहीं पछाड़ सकता। यह उनकी शक्ति है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।उक्त अवसर पर ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुये सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।