सौरभ निगम -गोरखपुर से / अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के सपना दिखाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य खुद ही चुनाव हार गए. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने जारी हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की साइकिल की सवारी करना स्वामी प्रसाद मौर्य को मंहगा पड़ गया. कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं. भाजपा के मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के पुत्र सुरेंद्र कुमार कुशवाहा के हाथों स्वामी प्रसाद मौर्य को हार मिली है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि स्वामी इससे पहले पडरौना सीट से विधायक थे.स्वामी प्रसाद मौर्य की परंपरागत सीट पडरौना विधानसभा सीट रही है, मगर आरपीए सिंह की भाजपा में एंट्री ने उन्हें इस तरह परेशान किया कि उन्होंने अपनी परंपरागत सीट की कुर्बानी ही दे दी. पडरौना के राजकुमार के नाम से मशहूर आरपीएन सिंह ने जैसे ही कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा, स्वामी प्रसाद ने तुरंत अपनी सीट बदल ली, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि पडरौना सीट भी स्वामी के लिए सेफ नहीं रह गई थी. इस चुनाव में वह परंपरागत पडरौना सीट की जगह कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़े. मगर वह आखिरकार चुनाव जीत नहीं पाए. फाजिलनगर विधानसभा सीट पर पिछले 10 साल से भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा विधायक हैं. हालांकि, इस बार पार्टी ने उनके बेटे को उतारा था.ऐसा कहा जाता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पडरौना सीट इसलिए भी छोड़ी थी, स्वामी प्रसाद मौर्य 2009 आरपीएन सिंह से हार का स्वाद चख चुके हैं. 2009 में आरपीएन सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्या को ही हराया था. कहा यह भी जाता है कि स्वामी पडरौना से कई बार विधायक रह चुके हैं, इसलिए एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए भी उन्होंने अपनी सीट बदल ली थी. मगर फाजिलनगर की जनता ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नकार दिया. राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि फाजिलनगर का चुनाव आरपीएन की नाक का सवाल बन गया था.