बिहटा, १७ मार्च । आध्यात्मिक संस्था अंतर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के तत्त्वावधान में, नगर के रामनगर स्थित किंग्स बैंक्वेट हॉल में, गुरुवार को संस्था की अध्यक्ष एवं सदगुरुमाता माँ विजया का ७५वाँ अवतरण दिवस धूम-धाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर साधक-साधिकाओं ने, संस्था की पत्रिका ‘इस्सयोग संदेश’ के पच्चीस हज़ार नव-सदस्यता का पुष्प-गुच्छ भेंटकर गुरुमाँ की अभ्यर्थना की।अपने आशीर्वचन में माताजी ने कहा कि इस्सयोग की सूक्ष्म आंतरिक साधना से एक साधक जो दिव्य-शक्तियाँ प्राप्त करता है, उससे उसका प्रत्येक शुभ-संकल्प स्वतः पूरा होता है। इस्सयोगी जो ठान लेते हैं, उसमें सफल होते हैं। आवश्यक है कि साधक-साधिकाएँ शुद्धमन और श्रद्धाभाव से नियमित साधना करें। गुरूकृपा से साधना के द्वारा मन पर अधिकार प्राप्त होता है, जो संकल्प-सिद्धि के लिए आवश्यक है।माताजी के सभागार में पदार्पण के पश्चात हर्ष ध्वनि और जयकारों से उनका अभिनन्दन किया गया। मार्ग में पुष्प बिछाकर और पुष्प-पंखुरियाँ बिखेरकर साधक-साधिकाओं ने आगवानी की। आसान-ग्रहण करने के पश्चात गुरुमाँ के चरण पखारे गए और आरती उतार कर वंदना की गयी। इस्सयोगियों ने पाँच मन का पुष्पहार माताजी की ग्रीवा में पहनाया।