चंडीगढ, निखिल दुबे : समाज सेवा पंजाबियों को विरासत में मिली है। हेल्प फोन नीडी फाउंडेशन के फाउंडर आनंद जैन ने बताया जब हम छोटे थे तो राज्य का हर युवा विभिन्न त्योहारों, गुरुओं की शहादत के दिनों, गुरु पीर के जन्मदिन और समाज सेवा शिविरों, लंगरों और राज्य के छोटे-छोटे गांवों से सेवा करता रहता था। छोटे क्लबों से रक्तदान किया जाता है। कोरोना संकट के कारण दुनिया भर में समय के चक्र के अनुसार जब देश के लोग सरकारों के आदेश के अनुसार तालाबंदी के दौरान अपने घरों में कैद थे जब लोगों का काम बंद हो गया। तो स्पष्ट विवेक वाले लोग राशन किट, तैयार भोजन आदि उपलब्ध कराकर गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करते रहे। आज हम अपने पाठकों को एक ऐसे युवक से मिलवाते हैं, जिसने कम उम्र में ही एक मिसाल कायम की और समाज सेवा का काम अपने हाथ में ले लिया।यह युवक फरीदकोट का रहने वाला है। जैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले ‘आनंद जैन’ का जन्म 29 जून 1991 को फरीदकोट में पिता राकेश जैन की मां सुनीता के गर्भ से हुआ था। आनंद जैन ने कहा कि समाज सेवा करने की प्रेरणा उन्हें अपने माता-पिता से मिली। इस युवक ने वर्ष 2001 में सामाजिक कार्य करना शुरू किया और फरीदकोट से धीरे-धीरे बढ़ता हुआ अब यह पूरे पंजाब, चंडीगढ़, बैंगलोर में फैल रहा है। अपने साथियों के साथ मिलकर ‘हेल्प फॉर नीडी फाउंडेशन’ नाम से एक गैर-लाभकारी संस्था बनाई और इस संस्था के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों की लड़कियों की शादी, आपातकालीन रक्तदान, कोरोना महामारी के दौरान लंगर, सूखा राशन और भी बहुत कुछ प्रशासन के सहयोग से जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सामान उपलब्ध कराने के अलावा, उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचने में भी मदद की। इस निस्वार्थ सेवा को देखते हुए पंजाब के राज्यपाल माननीय “श्री बनवारी लाल प्रोहित जी गवर्नर (गवर्नर) पंजाब” ने लॉ भवन चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय जीवन रक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की और किसी भी मदद के लिए दिन-रात मौजूद रहने का वादा किया। यहां गौरतलब है कि इनका पहला नाम विश्व की 6 अलग-अलग किताबों में भी दर्ज है। आनंद जैन इस समाज सेवा कार्य के लिए अपनी पूरी टीम, अपने परिवार और अपने दोस्तों को धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि वे उनका समर्थन करना जारी रखेंगे। समाज सेवा का कार्य बिना किसी लालच के निर्बाध रूप से चलता रहा। उन्होंने कहा कि समाज सेवा करने से उन्हें और उनके साथियों को एक अनूठी शांति मिलती है और वह उन सभी सहयोगियों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इस काम को सफल बनाने में किसी न किसी रूप में योगदान दिया है।