प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट दिल्ली /800 से ज्यादा जरूरी दवाओं के दाम 1 अप्रैल से 11% बढ़ेंगे.खांसी-बुखार का इलाज कराने के लिए अब और ज्यादा जेब ढीली करनी होगी क्योंकि 1 अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम में 11 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो जाएगी. फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी ने सोमवार को कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की.जिन दवाओं के दाम बढ़ाए गए हैं उन्हें आवश्यक दवाओं की श्रेणी में गिना जाता.नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन में आती हैं. नेशनल एसेंशियल लिस्ट मेडिसिन की संशोधित नीति वर्ष 2013 में लागू हुई थी। उसके बाद से जरूरी दवाओं के दामों में यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है. एनपीपीए इससे पहले इन दवाओं के दाम 4 प्रतिशत बढ़ा चुका है.आवश्यक दवाओं की श्रेणी में एंटीबायोटिक्स, सर्दी-खांसी की दवाएं, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, दर्द और गैस की दवाओं – दवाएं शामिल हैं. बुखार में काम आने वाली पैरासिटामोल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज वाली एंटीबायोटिक्स एजिथ्रोमाइसिन. इनमें शामिल है. फोलिक एसिड, विटामिन और मिनरल्स की कमी को दूर करने वाली दवाएं भी इसी श्रेणी में आती हैं.मेडिसिन की कीमतों में वृद्धि के पीछे की वजह थोक महंगाई में बढ़ोतरी बताई जा रही है. थोक महंगाई होलेसेल प्राइस इंडेक्स 20की तुलना में 21 में10:76 प्रतिशत बढ़ा है. आधार पर दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी की दवा कंपनियों को मंजूरी दी गई है. एनपीपीए आवश्यक श्रेणी की दवाओं के दाम में बढ़ोतरी होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर करता है.