प्रिया सिन्हा दिल्ली से / कला की कोई धर्म और जाति नहीं होती – शशि थरूर, लोकसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा. शशि थरूर राजनयिक भी रह चुके हैं. सांसद शशि थरूर ने कहा कि कला की कोई धर्म या जाति कभी नहीं हो सकता ना कभी था ना कभी रहेगा. केरल के एक मंदिर में नास्तिक नृत्यांगना को नित्य की अनुमति नहीं मिलने के मामले पर धर्म कला पर हावी हो गया. दूसरे धर्मों को मानने वाले उन लोगों को अपने धर्म का सम्मान करने के लिए अपनी ओर खींचते हैं. समाज के लिए ठीक नहीं. समाज में सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और कला की कोई जाति नहीं हो सकती.