कौशलेन्द्र पाराशर की विशेष रिपोर्ट /सारण का सिकंदर साबित हुये सच्चिदानंद राय, सच्चिदानंद का तेजतर्रार होना हो गया था गुनाह. हमसे टिकट कटने पर बात करते हुए सच्चितानंद राय ने कहा था सच्चिदानंद सारण का रियल सिकंदर है, जीत कर आऊंगा पटना. सारण से विप के अपने सीटिंग कैंडिडेट व तेजतर्रार नेता सच्चिदानंद राय का टिकट काट दिया था। पार्टी नेताओं के कहने पर ही वे काफी समय से चुनाव की तैयारी में जुटे थे। लेकिन जब भाजपा नेतृत्व ने लिस्ट जारी किया तो उसमें उनका नाम ही गायब था। सच्चिदानंद राय का तेजतर्रार होना पार्टी के कुछ नेताओं को पसंद नहीं था। एक मंत्री बीजेपी प्रत्याशी का टिकट कटवाने के लिए वीटो पावर लगा दिया था। कहा जाता है कि वरिष्ठ नेता वैसे लोगों को पसंद करते हैं जो आगे-पीछे करे। जानकार बताते हैं कि सच्चिदानंद राय ने ऐसा नहीं किया। साथ ही दल के परंपरागत वोटरों को जिस तरह से अलग-थलग किया जा रहा था उसका भी इन्होंने खिलाफत किया। लिहाजा ये नेतृत्व के निशाने पर आ गये थे। इतना ही नहीं इनका टिकट कटवाने के लिए कई सांसदों ने भी काफी मिहनत की थी। इसी का खामियाजा सच्चिदानंद राय को भुगतना पड़ा था। लेकिन सारण के वोटर भाजपा नेतृत्व के इस निर्णय के बाद और मजबूती से सच्चिदानंद राय के पक्ष में खड़े हो गए।