सियाराम मिश्रा, वरीय संपादक /” कंट्री इनसाइड न्यूज़ “प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्ष ने संसद में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से अपदस्थ कर दिया । इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को संसद से पारित होने के लिए 342 सदस्यों वाले सदन में 172 मतों की आवश्यकता थी । इस अविश्वास प्रस्ताव का 174 सदस्यों ने समर्थन किया । इमरान खान ने 9 अप्रैल की देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं एक आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा । मैं संघर्ष के लिए तैयार हूं । ’ इससे पहले 3 अप्रैल को इमरान खान ने संसद भंग करके पाकिस्तान में जल्दी चुनाव कराने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने के लिए बाधित किया ।इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, ‘हम बदला नहीं लेंगे. हम लोगों को जेलों में नहीं डालेंगे, लेकिन कानून अपना काम जरूर करेगा.’ इस बात की पूरी संभावना है कि 11 अप्रैल को होने वाली पाकिस्तानी संसद की बैठक में शहबाज शरीफ को देश का अगला प्रधानमंत्री चुना जाए । शहबाज शरीफ, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं । वह खुद दो बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं । संयुक्त विपक्ष ने उन्हें गत 3 अप्रैल को ही अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार चुन लिया था । खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से अपदस्थ किया गया है । पाकिस्तान में सरकार के प्रमुख को हटाने का एकमात्र संवैधानिक तरीका अविश्वास प्रस्ताव ही है । देश के 75 साल के इतिहास में किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है । सिर्फ 3 प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी 2008 से 2012, नवाज शरीफ 2013 से 2017 और इमरान खान 2018 से 2022, 4 वर्षों तक पाकिस्तान में सरकार के मुखिया रह सके हैं । वहीं पाकिस्तान के इतिहास में सिर्फ 2 बार ही चुनी हुई संसद अपना कार्यकाल पूरा कर सकी है । पाकिस्तान में ज्यादातर सरकारें तख्तापलट के कारण ही गिरी हैं । जनरज जियाउल हक (11 वर्ष) और जनरल परवेज मुशर्रफ (9 वर्ष) ऐसे दो सैन्य शासक रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान सरकार के प्रमुख के रूप में सबसे ज्यादा समय सत्ता में गुजारा है ।इमरान खान ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है । हालांकि, अमेरिका ने पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप से इनकार किया है । इमरान खान के मुताबिक वह एक स्वतंत्र विदेश नीति लेकर चल रहे थे, जो पाकिस्तानी कौम के हित में था । लेकिन अमेरिका और पश्चिमी देशों को उनकी सरकार की स्वतंत्र विदेश नीति से ऐतराज था, इसलिए साजिशन उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया. इमरान खान ने इस मौके पर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ की ।उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी मुल्क की इतनी हिम्मत नहीं, जो भारत को उसकी विदेश नीति पर ज्ञान दे सके. उन्होंने भारत को एक खुद्दार कौम बताया ।
