कौशलेन्द्र पाराशर, संपादक -कंट्री इनसाइड न्यूज़ ग्रुप के कलम से /भारत माँ के पास वीर पुत्रों की कमी नहीं DIG -CRPF सेंट्रल सेक्टर लखनऊ सुनील कुमार और DCP HQ-महेश बत्रा दिल्ली पुलिस ने एक बेटी के सम्मान को बचाया. दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन वहां क्राइम थमने का नाम नहीं लेता है. मैंने दिल्ली में वर्षों तक पत्रकारिता की. मेरे 15 वर्षों से ज्यादा समय से जानकार मेरी एक मां स्वरूप आंटी और उनकी बेटी को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था,28 मार्च को डीसीपी जनकपुरी से मिलकर मां और बेटी ने अपने मदद की गुहार लगाई थी लेकिन दिल्ली पुलिस अपने कार्य के प्रति कितना ईमानदार है इसको देखने से पता चलता है की डीसीपी हेडक्वार्टर महेश बत्रा के निजी हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई. और आंटी और उनके बेटे को मानसिक शांति प्रदान हुआ. न्याय के लिए कितना लड़ना और जूझना पड़ता है इससे प्रतीत होता है कि आज भी भारत में न्याय व्यवस्था और पुलिसिंग काफी कमजोर है. मेरे कई पत्रकार मित्रों ने भी अपने माध्यम से न्याय के लिए डीसीपी और अन्य जगह पर बात किया लेकिन न्याय फिर भी दूर रहा. अगर दिल्ली में नया इतना दूर होगा दिल्ली से 2000 किलोमीटर दूर कैसे आमजन को न्याय मिल पाएगा. सोच कर भी डर लगता है. डीआईजी सुनील कुमार 2012 से 16 तक माता वैष्णो देवी की सुरक्षा में लगे हुए थे. बिहार और उत्तर प्रदेश से जाने वाले लोगों को अगर किसी प्रकार का दिक्कत होता था तो डीआईजी सुनील उनकी आगे बढ़कर मदद करते थे. हमारे सहयोगी संजय दास गुप्ता के क्लास फ्रेंड और अनन्य मित्र रहे है. DIG सुनील के पिता स्वर्गीय रामवृक्ष प्रसाद की तारीफ पटना मुसल्लेपुर वासी हमेशा करते रहते हैं. DIG सुनील और और डीसीपी महेश बत्रा ऐसे युवा अफसर के सहारे देश का कानून सुरक्षित है. मैं प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उपरोक्त दोनों पदाधिकारी के बारे में सूचित करूंगा.