कौशलेन्द्र पाराशर की विशेष रिपोर्ट /पटना के इस्कॉन मंदिर उद्घाटन से क्यों दूर रहा “लालु परिवार”,शामिल हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री.RJD सुप्रीमो का परिवार का इस्कॉन से गहरा नाता रहा है.RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी इस्कॉन के बड़े-बड़े संतों का मिलना जुलना रहा है. लेकिन मंदिर लोकार्पण के दिन लालू परिवार का एक भी सदस्य उपस्थित नहीं रहना यह संकेत करता है कि कहीं ना कहीं इस्कॉन मंदिर और प्रशासन भी राजनीति का शिकार हो रहा है. राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का इस्कॉन मंदिर से गहरा नाता रहा है. बिहार का सबसे बड़ा और लोकप्रसिद्ध “इस्कॉन मंदिर” का पुनरनिर्माण आकर्षक रूप से बन कर तैयार हो चुका है. जिसका लोकार्पण मंगलवार को पारंपरिक रीतिरिवाज से किया गया. मंदिर परिसर में देश-विदेश से आये गुरूजनों एवं भक्त जनों का तांता लगा रहा. मंदिर का लोकार्पण सबसे पहले यज्ञ समारोह से किया गया जिसमें अनेक गणमान्य महा गुरुजन उपस्थित हुए.इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, विधायक नन्द किशोर यादव, विभिन्न संतगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे लेकिन लालू परिवार का उपस्थित नहीं हो ना चर्चा का विषय बना रहा. इस मंदिर परिसर में पांच दिनों तक भव्य समारोह का आयोजन किया गया है जिसमें कई विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. मंगलवार को सबसे पहले सुबह नौ बजे से ग्यारह बजे तक महा यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें कई विद्वान एवं विदुषी सरिक हुए. दोपहर बारह बजे से दो बजे तक मंदिर में भगवान का प्राणप्रतिष्ठा समारोह का आयोजन रहा और शाम सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तुत किया गया जिसमें विश्वप्रसिद्ध नृत्यांगना ‘नीलम चौधरी’ का कत्थक नृत्य का प्रदर्शन किया गया. नीलम चौधरी के भक्तिमय नृत्य से दर्शक मंत्रमुग्ध होते नजर आये. इस मंदिर को बनाने में बारह साल लगा है और इस मंदिर को बनने में तकरीबन 100 करोड़ रूपये का लागत लगा है। नन्द गोपाल ने बताया कि यहां भक्तों के लिए भंडारा का समुचित व्यवस्था किया गया है जहां भगवान को भोग लगाने के बाद दिन और रात दोनों समय का शुद्ध प्रसाद लोग ले सकते हैं.