कौशलेन्द्र पाराशर पटना से / मैं सब कुछ छोड़कर स्ट्रगलर की तरह बिहार में “जन सुराज” की परिकल्पना को “बिहार” के जन जन तक पहुंचाऊंगा. सशक्त बिहार बनाऊंगा और बिहार के जन जन को मजबूत करूंगा और सारी सुविधा को पहुंचाऊंगा.पिछले तीन दसक बिहार में लालू और नीतीश का राज रहा है ।लालू के समर्थकों का मानना है कि उनके राज में सामाजिक विकास हुआ है.नीतीश के समर्थकों का मानना है कि उनके राज में आर्थिक विकास हुआ है.दोनों के दावे में सच्चाई है । उनके दावे के बाद बिहार देश मे सबसे निचले पावदान पर है.आने वाले 10 वर्षों में अगर बिहार को अग्रणी राज्यों में पहुंचना है तो पिछले सोच से नहीं होगा.बिहार के लोग एक साथ अपने सोच को नहीं बदलेंगे तब तक बिहार का विकास नहीं हो सकता.जसके अंदर बिहार को बदलने की क्षमता है वो आ सकते हैं ।मैं कोई राजनीति पार्टी बनाने वाला हूँ ऐसा घोषणा मैं नहीं करने वालाहमने 17हज़ार लोगों से संपर्क किया है । उनमें अधिकांश लोगों से मिलने वाला हूँ.पिछले तीन दिनों में डेढ़ सौ लोगों से मिला हूँ.अगले 4 महीने में लोगों से मिलना उनसे संपर्क साधना जन सुराज का पहला लक्ष्य है.बाद में पार्टी बनती भी है तो ये प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी.गाँव के लोगो तक पहुंचना जन सुराज के लिए लोगों को बताना.2 अक्टूबर से मोतिहारी गांधी आश्रम से पैदल यात्रा की शुरुआत.साल के अंत मे 3 हज़ार की यात्रा करूँगा ।जो लोग मिलना चाहते हैं उनसे मिलेंगे जन सुराज के परिकल्पना को बताएंगे.बिहार के बेहतरी के लिए अपनी बुद्धि शक्ति को देना चाहता हूं ।पिछला अभियान कोविड के कारण मेरा खराब रहाअभी मेरा फोकस बिहार के लोगो से मिलना । अभी मेरे पास कोई पार्टी नहीं है अभी जन सुराज के परिकल्पना लोगों को बताना है .