लुधियाना : दिनों दिन प्राइबेट स्कूलों का लूट बढ़ता जा रहा है। वही स्कूल चलाने के नाम से सरेआम परिजनों के साथ स्कूल वाले गुण्डागर्दी कर रहे है। वही मामला ढंडारी खुर्द के गणपति चौक के अधीन पड़ते पेराटाइज पब्लिक स्कूल में पांचवी कलास आँचल, दूसरी क्लास में अमरीक कुमार लगभग कई सालों से पढ़ाई कर रहे थे। इसी बीच कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन लग गया था। जिसके बाद सभी फैक्ट्रियां व स्कूल बंद हो चुके थे। जिसके बाद बच्चे गांव चले गए। जाने से पहले परिजन स्कूल के स्टाफ को बता कर गए थे। कि ऐसा हालात देखकर वे लुधियाना नही आएंगे। लेकिन किसी तरह हालात सही हूआ तो बच्चे के परिजन गाँव से वापिस लुधियाना आए। जिसके बाद बच्चे को जिसकी शिकायत पहले स्कूल के प्रबंधक को दिया था। हम गाँव जा रहे है। बच्चे का नाम मत चढ़ाइए इतने पर स्कूल के स्टाफ ने बच्चे का नाम तो नही काटा व एडिमशन जारी रखा जबकि बच्चा स्कूल में दोनों बच्चे पढ़ाई करने भी नही गए। और स्कूल प्रबंधक 21 हजार रूपये का परिजनों से मांग करने लगे इस दौरान बच्चे के परिजन ने स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि हम सभी पहले ढंडारी खुर्द इलाके में रहते थे। उसके बाद यहां से बच्चे के पिता का काम बंद हो गया तो सभी परिजन रामनगर में चले गए जहां पर उन लोगो ने अपना छोटा सा प्लाट खरीद कर मकान बना लिया है। जिसके बाद परिजनों ने बताया कि महंगाई ज्यादा हो चुका था। बाद अपने बच्चों को उन्होंने सरकारी स्कूल में एडमिशन करवा दिया। और बार बार स्कूल वाले बच्चे के परिजनों को फीस के टार्चर कर रहे थे। जिसके बाद बच्चे के परिजनों ने स्कूल मे गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नही हूई। जब हमारे प्रितनिधि ने स्कूल के प्रबधक से बातचीत किया तो उन्होंने तो सही से बात किया। पर उसके बाद स्कूल में अपने आपको पेराटाइज स्कूल के प्रेसिडेंट कहने वाले स्टाफ उल्टा ही धकमिया देने लगे। तुमहे जो खबर लगाना है लगा लो खबर लगाने के बाद बात करेंगे तुम से जबकी एक स्कूल के स्टाफ ही लोगों से गलत पेश आएगा तो स्कूल के बच्चों का वह कैसा भविष्य देगा। फिलहाल बच्चे के परिजन सीपी दफ्तर में स्कूल के खिलाफ शिकायत देने पहुँचगे। वही जब इस बारे स्कूल के मैडम से बातचीत किया गया तो उन्होंने बताया कि यह पैसा अपने बच्चों के लिये स्कूल से किताब खरीदा था। जबकि पँजाब सरकार की ओर स्कूल की ओर पहले ही स्कूल में कॉपी किताब बेचने पर प्रितबन्ध लगा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भी ढंडारी खुर्द पेराटाइज पब्लिक स्कूल चलाने वाले नही मान रहे है। ऐसा लगता है। की यह स्कूल डिपार्टमेंट के उच्चाधिकारियों के साथ सरेआम काम कर रहे है।