प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /टी.पी.एस. कॉलेज के एन.सी.सी. इकाई एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज अंतराष्ट्रीय जैव-विविधिता दिवस मनाया गया । जिसके मुख्य अतिथि विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. रिमझिम शील थी । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया जबकि आयोजक एन.सी.सी. पदाधिकारी सह वनस्पति विज्ञान के शिक्षक डॉ. विनय भूषण कुमार थे । इस अवसर पर वृक्षारोपण, वृक्षों का रंगना एवं चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. रिमझील शील ने बताया कि हर साल 22 मई को दुनिया भर में अंतराष्ट्रीय जैव-विविधिता दिवस मनाया जाता है । इसे सबसे पहले 29 दिसम्बर 1993 में मनाया गया था । परन्तु वर्ष 2001 से यह हर साल 22 मई को मनाया जाता है । इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में जैव-विविधता के प्रतिजागरूक करना है । इसका पहल संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में साल 1992 में ब्राजील के रियो डी जनेरिया में ‘’ पृथ्वी सम्मेलन‘’ में हुआ था । डॉ. विनय ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्त्तमान समय में जैव-विविधता पर ध्यान देने की जरूरत है । इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज हम जो जैव-विविधता देख रहे हैं, वह अरबों वर्षो का विकास है। जिसे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा और तेजी से मनुष्यों के प्रभाव से आकार दिया जा रहा है । प्रधानाचार्य ने बताया कि प्रकृति ने सबकुछ दिया है, हम वास्तव में प्रकृति से लाभ लेते हैं । खुद को बचाने के लिए प्रकृति को संरक्षण करना आवश्यक है । यह दिन प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए भी मनाया जाता है । इस मौके पर एन.सी.सी के क्रैडटों एवं वनस्पति विज्ञान के छात्रों ने कई औषधीय पौधे लगाये । पहले के पौधों को रंगों से सजाया गया । आठ समूहों में जैवविविधता के थीम पर पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें बायोटेक्नॉजी के मेघा, प्रिती, साक्षी एवं प्रियंका के समूह को प्रथम स्थान, प्रिया रानी, वर्षा रानी एवं शांति कुमारी के समूह को दूसरा स्थान जबकि रत्ना रानी, निकिता एवं प्रिया कुमारी को तिसरा स्थान मिला । प्रधानाचार्य ने सभी समूहों के द्वारा किए गए पेंटिग कि सहारना की । प्रो. अबू बकर मिडियाप्रभारी टी.पी.एस. कॉलेज, पटना.