पटना, २४ मई। वरिष्ठ पत्रकार, सुप्रसिद्ध समाजसेवी और पूर्व सांसद विद्यावाचस्पति रवींद्र किशोर सिन्हा को समाज-सेवा के क्षेत्र में अत्यंत मूल्यवान कार्यों के लिए महाकवि काशीनाथ पाण्डेय शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया है। मंगलवार को ‘कला-कक्ष’ के तत्त्वावधान में,बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित शेखर सम्मान समारोह-२०२२ में यह सम्मान उन्हें सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ द्वारा प्रदान किया गया। साहित्य के क्षेत्र से हिन्दी के मनीषी विद्वान और सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, कला के क्षेत्र से प्रो (डा) लावण्या कीर्ति सिंह ‘काव्या’ तथा पत्रकारिता के क्षेत्र से सतीश भास्कर (मरणोपरांत) को ‘महाकवि काशीनाथ पाण्डेय शिखर सम्मान दिया गया। इनके अतिरिक्त नृत्य की नवोदित तारिका पंखुड़ी श्रीवास्तव को इस वर्ष से आरंभ हुए, ‘शिखरोत्सुक सम्मान’ से विभूषित किया गया है। स्वर्गीय सतीश भास्कर की ओर से उनकी विधवा ममता राज और पुत्री ऐश्वर्या भास्कर ने भरे नयनों से सम्मान स्वीकार किया।अपने सम्मान के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए डा रवींद्र किशोर सिन्हा ने कहा कि यद्यपि मैं स्वयं को इस योग्य नहीं पाता, किंतु महाकवि काशीनाथ पाण्डेय के नाम से शिखर सम्मान पाकर किसी को भी गौरव की अनुभूति हो सकती है। यह सम्मान पाकर मेरी सारस्वत क्षमता और समाज सेवा के लिए मेरी भावना को और बल मिला है।सभा की अध्यक्षता करते हुए, डा अनिल सुलभ ने कहा कि महाकवि पाण्डेय सच्चे अर्थों में ‘अक्षर-पुरुष’ थे। उन्हें अनेक भाषाओं के शब्दों के ही नही अक्षरों के भी अर्थ ज्ञात थे। अपनी रचनाओं में उन्होंने संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेज़ी समेत अनेक भाषाओं के शब्दों का विलक्षण प्रयोग किया। वे अद्भुत प्रतिभा के प्रयोगधर्मी कवि थे। उन्होंने ‘बयाने-क्रौंच ताईर’ नाम से तीस हज़ार छः सौ नब्बे पंक्तियों वाली संसार की सबसे लम्बी कविता लिखी। उनके महान साहित्यिक कार्यों का मूल्याँकन अब भी शेष है।इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए, कलाकक्ष के अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध आलोचक डा ब्रजेश पाण्डेय ने कहा कि महाकवि काशीनाथ पाण्डेय के व्यक्तित्व में जो विविधताएँ थीं, उनमे अनवरत बदलाव आते रहे। उनके व्यवहार में अनुकरणीय आत्मीयता थी। उनके संपर्क में आने वाले लोग सहज में ही उनके हो जाते थे।सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, वरिष्ठ कवयित्री भावना शेखर, वरिष्ठ राजनेता गुरुप्रकाश नारायण, अरुण शाद्वल, डा अर्चना त्रिपाठी, बच्चा ठाकुर, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, तथा ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश’ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन डा पल्लवी विश्वास ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन कलाकक्ष के सचिव अविनय काशीनाथ ने किया।इस अवसर पर, वरिष्ठ हिन्दी सेवी प्रताप नारायण, कृष्णरंजन सिंह, देवप्रिया दत्त, श्रीबाबू, डा नारायणी यादव, इन्दु उपाध्याय, काशिका पाण्डेय, बाँके बिहारी साव, अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।