सौरभ निगम -लखनऊ से /कांग्रेस नेता कपिल सिम्बल का कांग्रेस पार्टी को छोड़ना – और समाजवादी पार्टी से जुड़ना,क्या कांग्रेस का दुर्दिन काल है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस की छवि को जैसे चोट पहुंच रही है उसे लेकर उसे जो चिंता दिखानी चाहिए वह कहीं नजर नहीं आ रही है. अब कांग्रेस के किसी बड़े नेता को पार्टी छोड़कर जाना अब किसी हालत में नहीं डालता. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी को नमस्कार करने का ऐलान किया तो इसलिए हैरानी नहीं हुआ कि उसे रास्ते पर बहुत सारे नेता आगे बढ़ रहे हैं. कपिल सिंबल समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें यह भी साफ कर दिया को पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर अपनी नई पारी खेलेंगे. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जिस तरह से उनका साथ दे रहे हैं उसे देखते हुए सिंबल की जीत कोई बहुत ज्यादा शक नहीं है. कपिल सिंबल अभी समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन जिस तरह आजम ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में जमा दिलवाने में बतौर वकील की भूमिका निभाई थी. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी कुछ मामले चल रहे हैं उसे भी कपिल सिंबल मुख्य भूमिका में हैं. सूत्रों का कहना है कि जिस दिन चिंतन शिविर खत्म हुआ उसी दिन कपिल सिम्बल सुबह पहुंचकर सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.