उमर फारूक की विशेष रिपोर्ट समान नागरिक संहिता स्वीकार नहीं – मदनी के साथ आज अनहद जमीयत में जान पड़ी. सहारनपुर के देवबंद में रविवार को जमीअत उलमा ए हिंद के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन जुटे उलमा एवं सदस्य. असम से सांसद और जमीअत उलमा ए हिंद असम शाखा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता कानून मूल शब्द अधिक अधिकारों से वंचित करने वाला है. मुस्लिम पर्सनल लॉ में शामिल मामले जैसे विवाह तलाक खुला विरासत ऐसे बहुत से नियम है जो किसी व्यक्ति के बनाए कानून नहीं बल्कि कुरान और हदीस के लिए गए हैं. सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म कर इस्लाम मजहब की नीतियों में सीधा हस्तक्षेप कर रही है. यह करोड से अधिक सदस्यता वाले जमीअत उलमा ए हिंद का दो दिवसीय सम्मेलन कई मायनों में अलग साबित हुआ. सम्मेलन के पहले दिन जहां चाचा अरशद मदनी निर्णय से सम्मेलन में पहुंच सबको चौका दिया वहीं उन्हें मंच भी साझा किया. प्रस्ताव में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट संसद में पेश करने की मांग के साथ दोहराया कि शरीयत में किसी प्रकार का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुस्लिमों के तमाम मसलों से जुड़ा पर्सनल लॉ अपनी तरह कायम रहेगा.
