शिवहर, ९ जून। निजी क्षेत्र में पुनर्वास-विज्ञान और पारामेडिकल के विविध पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देनेवाले देश के प्रथम मान्यताप्राप्त संस्थान ‘इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च, पटना की विस्तारित शाखा की स्थापना जिले के नरवारा बाज़ार में की गई है। गुरुवार को इसका उद्घाटन पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति मान्धाता सिंह ने किया।अपने संबोधन में न्यामूर्ति ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों में नगरों की तुलना में स्वास्थ्य और सफ़ाई के प्रति पर्याप्त सावधानी नहीं बरती जाती। हेल्थ इंस्टिच्युट जैसी संस्थाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत लाभकारी हो सकती हैं। इससे प्रशिक्षित तकनीशियन स्वास्थ्य-सेवाओं को मज़बूत करने में सहायक सिद्ध होंगे। स्थानीय लोगों को इस संस्थान का बड़ा लाभ होगा।उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, संस्थान के निदेशक प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि ३३ वर्ष पुरानी इस संस्था का यह प्रथम विस्तारित शाखा है। इसमें फ़िज़ियोथेरापी, मेडिकल रेडियोइमेजिंग टेक्नोलौजी, मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलौजी, ऑपरेशान थिएटर टेक्नोलौजी, मेडिकल ड्रेसिंग, इ सी जी आदि पारामेडिकल पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और स्वास्थ्य-सेवाएँ प्रदान की जाएँगी। इस संस्थान की स्थापना से मेरी बहुत पुरानी अभिलाषा की पूर्ति हो रही है कि जो सेवाएँ मै पटना में दे रहा हूँ वह सेवा मैं अपने पैतृक जिले शिवहर को दे पाऊँ। उन्होंने कहा कि बहुत शीघ्र ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई अनय सेवाएँ भी जिले को प्राप्त होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिले के छात्रगण तत्काल रोज़गार प्रदान करने वाले इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठाएँगे तथा निष्ठापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर रोगियों की सेवा का अवसर भी प्राप्त करेंगे। पारामेडिकल के क्षेत्रों में प्रशिक्षित तकनीशियनों और विशेषज्ञों की भारी कमी है, जिसे यह संस्थान दूर करने की चेष्टा करती रहेगी।समारोह के विशिष्ट अतिथि और स्थानीय विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि जिले के नौजवान तकनीकी शिक्षा के लिए पटना अथवा दूसरे राज्यों में जाते हैं। उन्हें भारी खर्च उठाना पता है। इस संस्थान की स्थापना से यहाँ के गरीब बच्चों को यहीं रोज़गार उन्मुखी शिक्षा प्राप्त हो जाएगी।आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए, संस्थान की नरवारा शाखा के निदेशक डा गिरीश मिश्र ने कहा कि धन अर्जित करने की भावना से नही, बल्कि अपने जिले के बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार के सुनिश्चित मार्ग से जोड़ने तथा असमर्थ रोगियों को स्वास्थ्य-सेवाएँ उपलब्ध कराने की सेवा-भावना के साथ इस संस्थान की स्थापना की गई है। अब जिले के लकवा-ग्रस्त रोगियों, जोड़ों, पेशियों अथवा हड्डी और नस से संबधित रोगों के उपचार के लिए पटना जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, खून आदि की जाँच अथवा एक्स-रे के लिए भी कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।ज़िले के वरिष्ठ राजनेता राणा रणधीर सिंह चौहान, वरिष्ठ चिकित्सक डा शालीग्राम सिंह, सुप्रसिद्ध समाजसेवी बच्चा सिंह, डा मनोरंजन सिंह, रामध्यान सिंह, तथा अरुण कुमार झा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए.