वरीय संपादक -जितेन्द्र कुमार सिन्हा, बेंगलुरु, 14 जून ::
बहुत कम लोग जानते हैं कि गदही का दूध स्वादिष्ट, बहुत महँगा और औषधीय महत्व का होता है। 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रूपये की होती है और अब यह दूध मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से आपूर्ति की जायेगी। गदहे और गदही की मूत्र की बिक्री भी 500-600 रुपये प्रति लीटर होता है और इसका गोवर खाद बनाने के काम में आता है। उक्त जानकारी गदहा फार्म के मालिक श्रीनिवास गौड़ा के सूत्रों ने दी है।केरल के एर्नाकुलम में गदहा फार्म सबसे पहले शुरू हुआ था और दूसरा साउथ कन्नड़ जिले के एक गाँव में 42 वर्षीय श्रीनिवास गौड़ा ने गदहा फार्म शुरू किया है। गौड़ा का कहना है कि वे गदहों की दुर्दशा से आहत थे क्योंकि भारत में गदहा एक विलुप्त होने वाला जानवरों की सूची में शामिल हो चुका है।श्रीनिवास गौड़ा ने बीए की डिग्री लेने के बाद एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में नौकरी करने लगे, लेकिन वर्ष 2020 में नौकरी छोड़ दी और गाँव में एक फार्म खोलने के लिए जब अपने परिजनों और गाँववालों से इसकी चर्चा की तो हंसी के पात्र बने। उन्होंने हिम्मत नही हारा और बकरी पालन से फार्म की शुरुआत की।उन्होंने गाँव में 2.3 एकड़ जमीन पर सामुहिक रूप से कृषि और पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएँ, ट्रेनिंग सेंटर और चारा विकास केन्द्र शुरू किया। श्रीनिवास गौड़ा के अनुसार बकरी के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गे और खरगोश भी फार्म में है। उनके पास फार्म में अभी 20 गदहे है। यह उनकी अभी शुरुआती दौर है।अभी तक लोग ऊंटनी की दूध के बारे में सुनकर चौंक जाते थे, लेकिन अब गदही की दूध और उसकी कीमत सुनकर लोगों के होश उड़ जाएंगे। यह दुनिया का सबसे महंगा दूध साबित होगा।पशु विशेषज्ञ का माने तो इसमें ऐंटी एजिंग, ऐंटी ऑक्सिडेंट और दूसरे तत्व होते हैं जो इसे दुलर्भ बनाते हैं।गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पाए जाने वाले गुजरात की स्थानीय हलारी नस्ल के गदही को सरकार बोझा ढोने वाले पशुओं की जगह दुधारू पशु की श्रेणी में रखने और इसकी दूध के लिए डेयरी शुरू करने पर विचार कर रही है।गुजरात के आणंद स्थित, आणंद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट के डॉ. डीएन रंक के अनुसार, ‘हलारी गधे घोड़ों से तो कद में छोटे होते हैं, लेकिन बाकी गधों से बड़े होते हैं। देखने में ये घोड़ों जैसे प्रतीत होते हैं। ऐसे गधे सौराष्ट्र में पिछले 200 साल से हैं।
—————
Related