शैलेश तिवारी, वरीय संपादक की रिपोर्ट /राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र चौहान ने एक बयान जारी कर कहा जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा केन्द्रीय मंत्री श्री आर०सी०पी सिंह से इस्तीफा मांगे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा को आरसीपी सिंह से इस्तीफा मांगने का नैतिक अधिकार नही है। यह मामला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अधिकार क्षेत्र का है। उपेन्द्र कुशवाहा प्रधानमंत्री जी के अधिकार क्षेत्र मे सीधे सीधे हस्तक्षेप करते नजर आ रहे है।श्री चौहान ने कहा कि जुलाई माह मे आरसीपी सिंह का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और कार्यकाल समाप्त होने के छ महीने तक वह मंत्री पद पर बने रहे सकते है। यदि प्रधानमंत्री चाहे तो उनको सदन का सदस्य बना सकते है। यह सम्वैधानिक प्रावधान है। रहा सवाल उनकी इस्तीफा का तो यह प्रधानमंत्री जी का विशेषाधिकार की वे चाहे तो उनका इस्तीफा कभी भी मांग सकते है किन्तु उपेन्द्र कुशवाहा जी आरसीपी सिंह से इस्तीफा मांगना उचित नही है।श्री चौहान ने कहा कि जो लोग जदयू मे समर्पित होकर काम करते है उन्हे दल से एक एक कर बाहर कर दिया जाता है। जदयू से समर्पित कार्यकर्ताओं को दल से हटना कहा तक उचित है। आखिरकार नीतीश जी जदयू को बिहार की राजनीति मे किस तरह का दल बनाना चाहते है?