स्नेहा सिंह की रिपोर्ट / भारतीय जनता पार्टी के बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष- शुभेंदु अधिकारी, भाजपा के चीफ व्हिप मनोज टिग्गा समेत पार्टी के सस्पेंडेड सातों विधायकों का निलंबन खत्म कर दिया गया.विधानसभा में भाजपा विधायक अग्निमित्र ने इसके लिए प्रस्ताव लाया था जिसे अध्यक्ष विमान बनर्जी ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि विधानसभा से बाहर कोई भी विधायक रहे। नियम के अनुसार काम होना चाहिए। इसके बाद विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ और सभी विधायकों का सस्पेंशन वापस लेने की घोषणा की गई। तृणमूल नेता अग्निमित्र प्रस्ताव लाने के बाद अध्यक्ष ने कहा,मैंने पहले कहा था कि हम सदन में प्रस्ताव लाने पर चर्चा करेंगे।BJP अग्निमित्र ने कहा कि जहां विपक्ष का नेता नहीं है, विपक्ष का मुख्य सचेतक नहीं है, वहां सदन कैसे कार्य कर सकता है। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, “सदन में विपक्ष की बड़ी भूमिका होती है। हालांकि, अगर विपक्ष कानून का पालन नहीं करता है, तो यह अफ़सोस की बात है। मैं नेता प्रतिपक्ष भी था। हमें विधानसभा के नियमों और कानूनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। विधानसभा के नियमों का पालन करना चाहिए।जिस दिन अध्यक्ष ने सस्पेंड किया था उसी दिन प्रस्ताव लाने को कहा था लेकिन आपने नियमों को नहीं माना और कोर्ट चले गए। हालांकि जज ने दोबारा विधानसभा अध्यक्ष पर ही सब कुछ छोड़ दिया था। मैं अब कड़वाहट नहीं बढ़ाना चाहता। मैं अपने बाकी सदस्यों को विधानसभा की परंपरा को बनाए रखने के लिए प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहूंगा। प्रस्ताव को विधानसभा ने पारित कर दिया गया। भाजपा विधायकों दीपक बर्मन, प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, शंकर घोष, मनोज टिग्गा, नरहरि महतो का निलंबन वापस ले लिया गया है।वरिष्ठ भाजपा विधायक अशोक लहरी ने विधानसभा अध्यक्ष पर हमला बरकरार रखा और कहा कि आप के कार्यकाल में जो फैसले लिए जा रहे हैं वे इतिहास में दर्ज होंगे।