प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /बिहार के उच्च शिक्षा व्यवस्था को बचाने हेतु माफिया और भ्रष्टाचारियों के संरक्षक बिहार के कुलाधिपति को हटाने के लिए एक अभियान की शुरुआत डॉo आलोक राज ने की है अभियान की शुरुआत के तौर पर डॉक्टर आलोक राज स्वर प्रथम पूर्णिया कॉलेज अवस्थित गांधी जी की स्मृति पर जाकर आशीर्वाद प्राप्त किया उसके बाद श्री राज ने अपने कार्यक्रम के तहत जो उन्होंने कहा था कि बिहार के हर एक जनप्रतिनिधि के दरवाजे पर जाएंगे और उन्हें उनका कर्तव्य याद दिलाएंगे के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना उनका कर्तव्य है, इसी कार्यक्रम के तहत आलोक राज ने आज पूर्णिया लोकसभा के सांसद आदरणीय संतोष कुशवाहा जी से जाकर मुलाकात की एवं एक मांग पत्र दिया ,मांग पत्र में उन्होंने सांसद से सदन के पटल पर बिहार के कुलाधिपति के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को उठाने का आग्रह किया, सांसद को मांग पत्र के साथ साथ सबूत के तौर पर कुछ कागजात भी आलोक राज ने मुहैया कराया साथ ही साथ उन्होंने कहा कि बिहार का कुलाधिपति कार्यालय ने भ्रष्टाचारियों को बचाने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए कुलाधिपति के प्रधान सचिव ने एक पत्र मुख्य सचिव बिहार को लिख डाली थी भ्रष्टाचारियों पर जांच बिना कुलाधिपति के अनुमोदन का नहीं किया जाए इससे साफ जाहिर हो गया कि किस तरह भ्रष्टाचारियों को कुलाधिपति कार्यालय के साथ-साथ कुलाधिपति का संरक्षण प्राप्त है ,साथ ही साथ श्री राज ने मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एमडी कुद्दूस साहब का भी पत्र आदरणीय सांसद को दिया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जाहिर किया था कि किस तरह कुलाधिपति कार्यालय से गलत कार्य कराने के लिए दबाव बनाया जाता है ,साथ ही साथ पूर्व कुलपति ने पत्र में नाम का भी खुलासा किया था कि किस प्रकार राजभवन के नंबर से फोन कर गलत कार्य करने का दबाव बनाया जाता है ,उन्होंने दबाव बनाने वाले व्यक्ति का नाम भी उस पत्र में लिखा है इसके बावजूद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और भ्रष्टाचार के दलदल से मुक्त होने के लिए एक इमानदार कुलपति को त्यागपत्र देना पड़ा और इन्होंने बहुत बड़ी खुलासा की थी कि किस प्रकार विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार किया जा रहा है, के बाद पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने अपने आदेश से यह जाहिर कर दिया कि विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के जो पदाधिकारी भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं इसका संरक्षक कौन है, इस संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने 50 पन्ने में अपना न्याय आदेश जारी किया है ,इसके बावजूद भी बिहार के कुलाधिपति जैसे गरिमा में पद पर ऐसे व्यक्ति का बना रहना कहीं ना कहीं सवाल खड़ा करता है, आखिर क्या कारण है ,कि ऐसे भ्रष्टाचारियों को बिहार का कुलाधिपति बना रहने दिया जा रहा है ,सिराज ने कहा कि इस भ्रष्टाचारी कुलाधिपति का पोल हर एक जनप्रतिनिधि के पास जाकर खोलूंगाउसके बाद भी न्याय नहीं मिला तो आंदोलन के साथ-साथ न्यायालय जाने का तैयारी करूंगा ,लेकिन किसी भी कीमत पर इस भ्रष्टाचारी कुलाधिपति को बिहार से भगा कर ही दम लूंगा, मैंने जो अभियान छेड़ा है भ्रष्टाचार से उच्च शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षा व्यवस्था को मुक्ति दिलाने का वह तब तक जारी रहेगा जब तक शिक्षा व्यवस्था भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो जाती साथ ही साथ डॉoआलोक ने कहा कि मैंने जो भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ने के लिए अंग वस्त्र तैयार किया है, यही अंग वस्त्र पहन कर मैं तब तक घूमता रहूंगा जब तक आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस भ्रष्टाचारी कुलाधिपति से बिहार को छुटकारा नहीं दिला देंगे बिहार का विश्वविद्यालय पढ़ाई का केंद्र नहीं बन कर भ्रष्टाचारियों के लिए कमाई का केंद्र बन गया है, डॉo आलोक राज के साथ सौरभ कुमार एवं राणा यादव ने भी आदरणीय सांसद साहब के पास गए थे एवं दोनों कहां की आलोक राज ने जो भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ा है इस मुहिम के हर एक कदम में हम लोग डॉo आलोक राज के साथ है ।