कौशलेन्द्र पाराशर -दिल्ली ब्यूरो / आदिवासी की बेटी द्रोपति मुर्मू को राष्ट्रपति पद ने खड़ा कर BJP ने कर दिया था मुद्दा विहीन, देश के अनेक विपक्षी दलों ने “वोट” के डर से किया द्रोपदी का समर्थन. द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद सामाजिक समीकरणों पर व्यापक असर पड़ेगा साथ ही भाजपा को इसका राजनीति लाभ भी मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बना कर आदिवासी समुदाय को अपने साथ खड़ा कर लिया. साथ ही देश के महिलाओं को भी एक संदेश दे दिया. कि मैं ही महिला सशक्तिकरण का वादा पूरा कर सकता हूं. द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से महिलाओं और आदिवासियों में सामाजिक समीकरणों पर गहरा असर पड़ेगा. देश की आधी आबादी मजबूती से भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा करें कि. भारतीय जनता पार्टी को विभिन्न समुदाय की महिलाओं की काफी समर्थन प्राप्त हुआ है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अगले 20 से 30 साल तक लगातार सत्ता रखने के लिए अपने कार्यकर्ताओं के साथ काम करती है . द्रोपति मुर्मू के समर्थन में बड़े स्तर पर क्रॉस वोटिंग भी हुआ. द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने विपक्षी दलों की देते पहले ही बढ़ा दी थी.विपक्ष की राजनीतिक नासमझ ही कही जाएगी कि द्रोपति के सामने एक राजनीतिक में नकारात्मकता को प्राप्त कर चुके जसवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया. यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर विपक्ष अपना चुनाव हार गया था.