प्रियंका भारद्वाज -दिल्ली ब्यूरो से /सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फरमान-अविवाहिता बेटियों को भी गर्भपात का अधिकार. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि महज अविवाहित होने के कारण किसी महिला को गर्भपात से नहीं रोका जा सकता है. माननीय न्यायमूर्ति डिवाइस चंद छूट की अध्यक्षता वाली पीठ ने 25 वर्षीय वह द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के 16 जुलाई के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात करने की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एम्स निदेशक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश भी दिया था कि गर्भपात के दौरान महिला के जीवन को खतरा ना हो. सुप्रीम कोर्ट के पीठ ने कहा कि महिला को सिर्फ इसलिए गर्भावस्था को समाप्त करने के अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि अविवाहित है. महिला ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि 24 सप्ताह के भ्रूण को उसकी सहमति के संबंध के आधार पर गणपत करने की अनुमति का अनुरोध स्वीकार किया था. अब महिला का दिल्ली एम्स में गर्भपात हो सकेगा.