प्रिया सिन्हा -दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने बेटी को गुजारा भत्ता दिलवा पिता से मिलवाया. भरण पोषण भत्ता देने के मामले में उच्चतम न्यायालय का मानवीय चेहरा उस समय सामने आया जब शीर्ष अदालत ने एक अभिभावक की तरह बेटी को उसके पिता से मिलवाया. और पिता को ₹8000 मुआवजा देने का आदेश दिया. बेटी अपने पिता से पिछले कई वर्षों से बात नहीं कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने लड़की के पिता से कहा कि वह मेहनत करें और पढ़ाई कर पिता का नाम करें. न्यायाधीश चंद्रचूर ने लड़की के पिता से कहा कि आपकी बेटी न्यायिक परीक्षा पास की वजह बन गई तो क्या आपको गर्व नहीं होगा. आप कहते हैं वह आपसे बात तक नहीं करती.इसपर लड़की के पिता मुस्कुराने लगे . कई वर्षों से लड़की से बात नहीं कर रहे पिता जब लड़की से मिले तो भाऊक गए. अगर इस तरह सभी सुप्रीम कोर्ट के जज सोच ले तो समाज में एक नई क्रांति आ जाएगी.