प्रिया सिन्हा -दिल्ली से /राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को अंतिम बार संबोधित करते हुए कहा- पुरखों के पद चिन्हों पर चलना होगा,भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था को शत-शत नमन. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण का करना ही होगा. प्रकृति की मां की गहरी पीड़ा है और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य खतरे में डाल सकता है. इसलिए हमें अपने बच्चों के खातिर अपने पर जबरन अपने जमीन हवा और पानी के ख्याल रखना होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को शत-शत नमन करते हुए कहा कि 5 साल पहले आप सब ने मुझ पर अपना अपार भरोसा जताया था. मैं आप सभी देशवासियों की प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं कि कानपुर देहात से पकौड़ा गांव के साधारण परिवार में पला बढ़ा रामनाथ कोविंद आज सभी देशवासियों को संबोधित कर रहा है. इसके लिए मैं अपने देश को जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था के शक्ति को शत-शत नमन करता हूं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और स्वभाव से न्याय,स्वतंत्रता समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था. बाल गंगाधर तिलक गोखले से लेकर सुभाष चंद्र बोस,जवाहर लाल नेहरू,श्यामा प्रसाद मुखर्जी की कथाएं हमें प्रेरणा देती है. पेड़ों -नदियों की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहे हैं