धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली ब्यूरो से / सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फरमान -केंद्र सरकार” मुफ्त योजनाओं” के वादों को रोकने का उपाय ढूंढे. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है याचिका. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चुनाव के दौरान अधिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने के वादों को रोकने के लिए एक समाधान निकालने के लिए जवाब मांगा. मुफ्त उपहारों के वायदों से जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. सुप्रीम न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप इस मामले में हिचक क्यों रहे हैं.आप अपना रुख बताये की यह गंभीर मुद्दा है या नहीं. फिर सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मुक्त सुविधाओं को जारी रखना चाहिए या नहीं. मुख्य न्यायाधीश एनवी रामना की पीठ ने केंद्र सरकार के वित्त आयोग से आ पता लगाने के लिए कहा कि मुफ्त उपहारों को रोकने के लिए क्या राज्यों को राज्य आवंटन को नियंत्रित किया जा सकता है. क्या अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ नहीं है. अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी. चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले पर आप केंद्र सरकार से राय जान सकते हैं. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि ऐसे मुद्दों को चुनाव आयोग के पास ही निपटाया जाना चाहिए.