कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /सीआरएफ ने मनाया अपना 84वां स्थापना दिवस. सरदार पटेल को भी किया गया याद. लखनऊ के विभूति खंड गोमती नगर में स्थित मध्य सेक्टर सीआरपीएफ कार्यालय के प्रांगण में 27 जुलाई 2022 को शौर्य, पराक्रम बलिदान और मानवीय मूल्यों के समर्पित और गौरवशाली इतिहास से परिपूर्ण विश्व के सबसे बड़े और पुराने और अर्ध सैनिक बल के रूप में स्थापित सीआरपीएफ का 84वां स्थापना दिवस जोश -हर्षोल्लास- उत्साह पूर्वक मनाया गया. सीआरपीएफ के आरक्षी महानिरीक्षक श्री राजेश खुराना “भारतीय पुलिस सेवा” ने सीआरपीएफ के सभी वरिष्ठ अधिकारियों और अर्ध सैनिकों बलो को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी. सीआरपीएफ भारत का केंद्रीय प्रमुख सशस्त्र बल है. अंग्रेजी शासन काल में 27 जुलाई 1939 को” क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस” के नाम से इस बल का स्थापना किया गया था. इसका गठन कर वर्तमान मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित नीमच नामक स्थान पर किया गया था. जिसका मुख्य उद्देश्य देसी रियासतों में आंदोलन व राजनीतिक अशांति को नियंत्रित करना और कानून व्यवस्था बनाए रखना था. स्वतंत्रता के पश्चात ही सुरक्षा बल ने देसी रियासतों के भारत संघ में विलय की प्रक्रिया में सबसे अहम भूमिका निभाई. स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के अपनी दूरदर्शिता से ही सुरक्षा बल के अस्तित्व को समझते हुए इसे बनाए रखने का निर्णय लिया. इस बल के खाते में कई शौर्य उपलब्धियां शामिल है. यही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल था जिन्हें कच्छ -भुज- गुजरात में सरदार पोस्ट पर एक पाकिस्तानी ब्रिगेड द्वारा किए गए हमले को सफलता पूर्वक विफल किया था. जिसमें 34 पाकिस्तानी सिपाही मारे गए और चार को जिंदा पकड़ लिया गया था.CRPF के 6बहादुर जवानों ने वीरगति प्राप्त की थी. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ही था जी ने 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंट में चीनी आक्रमण के पहले हमले का सामना किया था. इस बल के जांबाज देश की सीमाओं, सुरक्षा से लेकर देश के भीतरी हिस्सों में आंतरिक सुरक्षा शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने का कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाते आए हैं. इस समारोह में राजीव रंजन “भारतीय पुलिस सेवा” पुलिस- उपमहानिरीक्षक, एचके कनौजिया- पुलिस उपमहानिरीक्षक, श्री सुनील कुमार-DIG, CRPF तथा अधीनस्थ अधिकारी और जवान शामिल हुए.