कौशलेन्द्र पाराशर -दिल्ली ब्यूरो / सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले के बाद ED देश की सबसे सशक्त जांच एजेंसी बन गई. प्रवर्तन निदेशालय को कमजोर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों पर भी लगातार वहां बहस होता रहा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अपने आदेश में साफ कर दिया कि वह किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है उसकी संपत्ति को जप्त कर सकती है और छापेमारी कर सकती है. प्रवर्तन निदेशालय के केशव में जिम्मेदारी भी व्यक्त की है कि वह बताएं कृष्ण पास कथित धन कहां से आया. वही सामान्य अपराधों में अपराध को सिद्ध करने का भार पुलिस पर होता है लेकिन या अपराध के सबूतों के साथ कोर्ट में साबित करना पड़ेगा. अब सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले के बाद जिस पर भी केस होगा उसको साबित करना पड़ेगा प्रवर्तन निदेशालय के सामने कि वह संपति उसकी है नहीं तो उसको जप्त करने का पूरा पूरा अधिकार होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आपराधिक कानून के जानकारों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आर्थिक अपराध और ड्रग तस्करी से अधिक धन अंतरराष्ट्रीय और समुद्री इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन हवाला आतंकवाद और रंगदारी जैसे उच्च तकनीक अपराधों के आलोक में है.