कौशलेन्द्र पाराशर -दिल्ली /76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन -मातृभूमि के उत्थान के लिए सर्वस्व बलिदान करना हमारा आदर्श होना चाहिए.2047में जब हम 100 साल आजादी के पूरे होने का संकल्प लेंगे तब तक भारत का नया निर्माण हो चुका होगा.. भारत के स्टार्टअप परिस्थितिकी तंत्र का विश्व में ऊंचा स्थान विशेष रूप से यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या प्रगति के एक जबरदस्त उदाहरण है. राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि गरीब के पास अपना घर होना चाहिए.यह वर्तमान में सच्चाई का रूप अधिक ले चुका है. अब हर घर जल मिशन कार्यक्रम चल रहा है. राष्ट्रपति ने अपने 15 मिनट के संबोधन में कहा कि कोरोना के दौर में जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी तब भारत ने खुद को संभाला. राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारतीयों ने संदेह जताने वाले लोगों को गलत साबित किया. इस मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़े बड़ी बल्कि समृद्धि हुई. महामारी के समय भारत में खुद को संभाला. नए भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आजादी हमारे साथ साथ देश के लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है. अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में मत देने का अधिकार हासिल करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने व्यस्क मताधिकार को अपनाया. दुनिया में हाल के वर्षों में नए भारत को विकसित होते देखा. भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ रही है. देश का विकास अधिक समावेशी होता जा रहा है. हमने देश में बने वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले महीने हमने 200 करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है.100साल आजादी के पूरे होने को ध्यान में रखकर संकल्प लें.