पटना, १७ अगस्त। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आगामी एक सितम्बर से, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, ‘हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन एक सितम्बर की संध्या तीन बजे किया जाएगा। पखवारे के प्रत्येक दिन अपराह्न में विविध साहित्यिक उत्सव होंगे, जबकि पूर्वाह्न में प्रत्येक दिन विद्यालय और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए ‘निबन्ध-लेखन प्रतियोगिता’, ‘काव्य-पाठ प्रतियोगिता’, ‘व्याख्यान-प्रतियोगिता’, ‘श्रुति-लेख प्रतियोगिता’ आदि प्रतियोगिताएँ एवं ‘काव्य-कार्यशाला’, ‘कथा-लेखन-कार्यशाला’ आयोजित की जाएंगी। ‘बाल-कवि-सम्मेलन’ तथा ‘युवा-कवि-सम्मेलन’ भी आयोजित होंगे।
यह निर्णय सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में सोमवार को संपन्न हुई साहित्य सम्मेलन की कार्यसमिति की बैठक में लिया गया। इसकी जानकारी देते हुए डा सुलभ ने बताया है कि १४ सितम्बर को हिन्दी दिवस के अवसर पर, १४ हिन्दी सेवियों को सम्मेलन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। १५ सितम्बर को होनेवाले पखवारा के समापन-समारोह में, विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को ‘प्रतिभागिता-प्रमाण-पत्र’ दिए जाएँगे। पुस्तक मेला में, नेशनल बूक ट्रस्ट तथा राजकमल प्रकाशन के साथ कई अन्य प्रकाशन संस्थान भाग ले रहे हैं। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का भी एक अपना दीर्घा होगा, जिसमें सम्मेलन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें एवं स्थानीय लेखकों की पुस्तकें विक्रय हेतु उपलब्ध होंगी। सम्मेलन के अनेक दुर्लभ ग्रंथों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।कार्यसमिति की बैठक में सम्मेलन के प्रधानमंत्री और विद्वान-समालोचक डा शिववंश पाण्डेय, उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा उपेंद्रनाथ पाण्डेय, डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा पुष्पा जमुआर, सुनील कुमार दूबे, कुमार अनुपम, डा शलिनी पाण्डेय, श्याम बिहारी प्रभाकर, डा अर्चना त्रिपाठी, डा पूनम आनंद, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, डा मेहता नगेंद्र सिंह, ज्ञानेश्वर शर्मा, नीरव समदर्शी, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्ता, बाँके बिहारी साव, डा मुकेश कुमार ओझा तथा डा नागेश्वर प्रसाद यादव उपस्थित थे।