पटना । लौकिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक है कि साधकगण प्रतिदिन पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ नियमित रूप से आंतरिक साधना करें। हम परमात्मा के लिए जितना भाव रखते हैं, परमात्मा भी हमें उसी अनुरूप अपनी कृपा प्रदान करता है।यह बातें बुधवार को, अंतर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक और ब्रह्मलीन सधुरुदेव महात्मा सुशील कुमार के महानिर्वाण की स्मृति में एम एस एम बी उत्सव भवन में आयोजित सत्संग में संस्था की अध्यक्ष और सदगुरुमाता माँ विजया ने कही। माताजी ने कहा कि समर्पण से की जाने वाली साधना का चमत्कारी प्रभाव होता है। जीवन की समस्याओं का स्वतः निदान होता है।यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि कार्यक्रम का आरम्भ सद्गुरुदेव की सूक्ष्म उपस्थिति हेतु आह्वान की साधना से हुआ। इसके पश्चात एक घंटे का अखण्ड भजन संकीर्तन किया गया ।इस अवसर पर ९ इस्सयोगियों ने अपने श्रद्धा उद्गार व्यक्त किए। प्रसाद के साथ उत्सव का समापन हुआ।संस्था के संयुक्त सचिव अभियंता उमेश कुमार, सरोज गुटगुटिया, सांसद रमा देवी, श्रीप्रकाश सिंह, माया साहू, किरण झा, मीरा देवी,,प्रदीप गायत्री समेत बड़ी संख्या में संस्था के अधिकारी, स्वयंसेवक एवं इस्सयोगी साधक उपस्थित थे ।