कौशलेन्द्र पाराशर -पटना से / पूर्व कानून मंत्री रविशंकर और विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को JDU प्रवक्ता परिमल सिन्हा ने दिया जवाब. परिमल कुमार सिन्हा ने कहा कि बीजेपी के सरकार में जंगलराज होता है . सीएम नीतीश सुशासन के प्रतीक माने जाते हैं और बिहार में सुशासन जब तक नीतीश है जीवित रहेगा. विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को भी दिया जवाब.जनता दल (यू0) के प्रदेश प्रवक्ता परिमल कुमार ने बयान जारी कर कहा की नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा श्रम संसाधन मंत्री रहते हुए अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर एमकेसीएल कंपनी से लाभ लेने से वंचित हो जाने के कारण इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं। हमारी सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार दिलाने हेतु सतत प्रयासरत रही है। युवाओं को स्वरोजगार इकाइयों की स्थापना हेतु विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता होती हैं। इस प्रकार के प्रशिक्षण विशेषण संस्थाओं के द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। ऐसे विशेषज्ञ संस्थाओं का चयन आउटसोर्सिंग के द्वारा संपादन की जिम्मेदारी दी जाती है इसी क्रम में बिहार के युवाओं को विशिष्ट उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु एमकेसीएल जो सामान्य प्रषासन विभाग के अधिन है। का चयन संविदा के आधार पर किया गया जो महाराष्ट्र। सरकार का उपक्रम है। हमारी सरकार सरकारी संसाधनों के सदुपयोग सुरक्षित करने के लिए सरकारी संस्थाओं के चयन को प्राथमिकता देती है। क्योंकि ऐसे संस्थाओं में पारदर्शिता के साथ जनता के धन के उचित प्रयोग भी हो पाते हैं। सामान्यता निजी संस्थाएं जहां लाभ के उद्देश्य से कार्य करती है। वही सरकारी संस्थाएं लोक कल्याणकारी उद्देश्य से कार्य करती है। साथ ही साथ इन में पारदर्शिता भी पाए जाते हैं। जो समाजवादी सिद्धांत के अनुरूप है। इस कारण हमारी सरकार ने महाराष्ट्र के ऐसे सरकारी कंपनी का चयन किया जिसे समय समय पर बेहतर कार्य करने हेतु पुरस्कार से भी नवाजा जाते रहा हैं। ऐसी स्थिति में इस संस्था के चयन पर सवाल नहीं उठाए जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं बीजेपी को युवाओं के भविष्य से कोई लेना देना नही है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा जनता का ध्यान भटका कर बिहार के विकास के मार्ग में व्यवधान उत्पन्न करना चाहते है। दीपक सामंत देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री काल में एमकेसीएल कंपनी के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी थे और अभी वर्तमान में एमकेसीएल कंपनी के चीफ मेंटर हैं। कौशल विकास कार्यक्रम का बिहार सरकार ने दो भागों में बांट रखा है। एक प्लेसमेंट स्पदामक कार्यक्रम है दूसरा नॉन प्लेसमेंट स्पदामक कार्यक्रम है। जून 2017 से लेकर अक्टूबर 2020 तक विजय सिन्हा श्रम संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्यरत थे।