जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 09 सितम्बर ::सितंबर 1893 को स्वामी विवेका नन्द जी ने 11 सितम्बर 1893 को राष्ट्रवाद और भारत के सोए आत्मविश्वास को, बल दिया था जिससे बहुत सारे क्रांतिकारी प्रभावित हुए थे, जिनमे सुभाष चंद्र बोस, श्री अरबिंदो जैसे व्यक्तित्व शामिल थे। उक्त जानकारी शुक्रवार को जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष -सह- बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने दी।उन्होंने बताया कि चाहे तलवार से हो या फिर कलम से सभी तरह की कट्टरता, हठधर्मिता और दुखों का विनाश होगा। कायस्थ शिरोमणि, युवा संत, स्वामी विवेका नन्द ने विश्व धर्म संसद में भारत तथा हिन्दू धर्म संस्कृति का परचम लहराया था जिससे समस्थ विश्व भारतीय अध्यात्मिक चेतना के समझ नतमस्तक हो गया था। इसलिए 11 सितम्बर को “विजय दिवस” के रूप में मानाने का निर्णय जीकेसी ने लिया है।दीपक कुमार अभिषेक ने बताया कि “विजय दिवस” कार्यक्रम को जीकेसी सभी राज्यों एवं जिलों में मनायेगा। समस्तीपुर जिला ने विजय दिवस के अवसर पर रक्तदान कार्यक्रम को आयोजित करेगा। इस संबंध में समस्तीपुर जिला अध्यक्ष मनीष कुमार की अध्यक्षता में बैठक कर यह निर्णय लिया गया है।उन्होंने बताया कि विजय दिवस के अवसर पर जीकेसी पटना जिला द्वारा भी कार्यक्रम किया जायेगा, जिसकी तैयारी चल रही है।समस्तीपुर की बैठक में उपाध्यक्ष धर्मांस रंजन, उपाध्यक्ष सरोज सिन्हा, उपाध्यक्ष किशन लाल, युवा अध्यक्ष डॉ सुशांत कुमार, जिला उपाध्यक्ष केशव किशोर, अधिवक्ता सुधीर कुमार श्रीवास्तव, अधिवक्ता नीरज सिन्हा, अधिवक्ता पंकज सिन्हा, राष्ट्रीय महासचिव महिला प्रकोष्ठ रश्मि सिन्हा उपस्थित थे।दीपक कुमार अभिषेक ने बताया कि विजय दिवस के माध्यम से उस दिन की स्मृति को अपने समाज देश और दुनिया के सामने फिर से याद कराने का काम करेगा जीकेसी। यह सर्वविदित है कि शायद ही कोई ऐसा सकारात्मक विषय हो जिस पर स्वामी जी ने भाषण नही दिया हो।राष्ट्रीय महासचिव महिला प्रकोष्ठ रश्मि सिन्हा ने बताया कि बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक के अनुरोध पर समस्तीपुर में जिला अध्यक्ष एवं अन्य जीकेसी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी जिला में हो रही और भविष्य में होने वाली कार्यक्रमों की जानकारी ली और आवश्यकता अनुसार मार्गदर्शन की।