कल्याणी सिंह की रिपोर्ट /टी.पी.एस. कॉलेज, पटना में जंतु विज्ञान विभाग और MSME-DFO पटना, MSME मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 12 सितंबर से 16 सितंबर तक चलने वाले प्रबंधन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बाजार में पहुँच और शोध (Market Access and Research) विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम प्रबंधन अर्थात् मैनेजमेंट के गुण को विकसित करने और उसे कारगर बनाने और करियर में तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है । प्रबंधन कौशल की आवश्यकता लोगों को घर से लेकर कार्यालय ,समाज, राज्य और देश के विकास महसूस में होती है । यह कार्यक्रम भविष्य में आपको स्वावलंबी और साहसी बनाने मे उपयोगी साबित होगा । कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए MSME-DFO, पटना के निदेशक श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों के लिए इस तरह से डिज़ाइन किया गया है ताकि वे तेजी से बदलते और चुनौतीपूर्ण कॉर्पोरेट जगत के अनुरूप एक संगठन में अपनी दक्षता और नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ाने में सक्षम हो सकें । यह कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि आपके पास एक टीम को प्रभावी ढंग से और कुशलता से विकसित करने, संलग्न करने और नेतृत्व करने के लिए सही कौशल और ज्ञान का विकास हो सके । इसके पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना कुमारी ने कहा कि हमारा यह निरंतर प्रयास है कि औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण पर आधारित कार्यक्रम किए जाएं जो आगे चलकर करियर निर्माण में सहायक सिद्ध हो सके । यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक आवश्यक कदम है ।MSME-DFO, पटना के सहायक निदेशक संजीव आजाद ने कार्यक्रम के विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम ज्ञान, योग्यता और दृष्टिकोण को उन्नत करने में मदद करते हुए आर्थिक प्रबंधन और बाजार तक पहुंच बढ़ाने के उपायों और उससे जुड़े शोध की संभावना पर प्रकाश डालता है । इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. श्यामल किशोर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि मार्केट एक्सेस एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग उन गतिविधियों और प्रक्रियाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो व्यावसायिक कंपनियां एक प्रतिपूर्ति मूल्य को सुरक्षित करने के लिए करती हैं । इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु ऐसे प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है ।आईबीएम पटना के पूर्व फैकल्टी श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि प्रबंधन की दुनिया में हाल के रुझानों और विकास पर नए सिरे से विचार करने की कोशिश की जानी चाहिए । NSIC पटना के वरीय शाखा प्रबंधक श्री शैलेश कुमार ने कहा कि उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ एक ठोस आधार तैयार किया जाना चाहिए ताकि उन्हें उन्नत उद्योग ज्ञान, विचारों और कार्यप्रणाली से लैस किया जा सके ।MSME-DFO, पटना के सहायक निदेशक श्री रविकांत ने कहा कि बाजार में अपने उत्पादों को बेचने की क्षमता बाजार पहुंच और शोध पर निर्भर करती है । इसलिए व्यापार में सफलता प्राप्त करने की दिशा में यह एक प्रारंभिक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है ।कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन जंतुविज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ॰ सानंदा सिन्हा ने किया । मीडिया प्रभारी डॉ. अबु बकर रिजवी ने कहा कि महाविद्यालय में कौशल विकास के कार्यक्रम हमेशा आयोजित किए जाते हैं ताकि समेकित शिक्षा छात्रों को मिल सके । उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन प्रख्यात संकाय बाजार पहुंच और शोध से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुति देंगे । कार्यक्रम में डॉ. कृष्णनंदन प्रसाद, डॉ. अबु बकर रिज़वी , डॉ. जावेद अख्तर खान, डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. रूपम, डॉ. शिवम यादव, डॉ.हेमलता, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. मुकुंद कुमार, डॉ. नूतन, डॉ. नवेन्दु शेखर, डॉ. उषा किरण, डॉ. अंजलि प्रसाद, डॉ. दीपिका, डॉ. शशि प्रभा दूबे, डॉ. विनय भूषण, डॉ. शशिभूषण चौधरी, डॉ. तनुजा, डा. प्रीति, डॉ. श्वेता, डॉ. उषा किरण, श्री मनोज कुमार सिंह, श्री कुमार अमिताभ, श्री अंबरीश, श्री अवनीत, श्री श्याम बाबू शर्मा आदि उपस्थित थे । छात्रों में शिवम कुमार, विशाल कुमार, दीपक कुमार, रोशनी परवीन, कुन्दन, अंकित, शिलपा, रितिका, कशिष, हर्षित, मनताषा आदि के साथ सभी महाविद्यालय के स्टाफ और छात्र गण उपस्थित थे । इस कार्यक्रम का समन्वयन श्री रविकांत, सहायक निदेशक, एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय, पटना द्वारा किया जा रहा है ।प्रो. अबू बकर रिज़वीमीडिया प्रभारी)टी.पी.एस. कॉलेज, पटना