सीनियर एडिटर -जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना से विशेष रिपोर्ट , 25 सितम्बर ::अंतर्राष्ट्रीय मखाना केन्द्र और पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना के सहयोग से और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार तथा अन्य द्वारा समर्थित पहला राष्ट्रीय मखाना सम्मेलन का आयोजन चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान,मीठापुर में किया गया। बिहार सरकार के विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।सूत्रों ने बताया कि मखाना पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन उत्पादन प्रसंस्करण, पहचान और पैसा, विषय पर चर्चा के साथ शुरू हुआ। सभी वक्ताओं ने तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला।पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष सत्यजीत सिंह ने बताया कि बिहार कृषि अर्थव्यवस्था के लिए पूरे भारत और विदेशों में मखाने का प्रचार और इसकी जागरूकता महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा मखाना पर सामान्य विज्ञापन शुरू करने के लिए कृषि विभाग में मखाना जेनेरिक ऐड को बढ़ावा देने पर सहमत हो गया है। दूध और अंडे की लाइन पर इससे मखाने को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।उन्होंने बताया कि आईईएमसीआरपी एचडी सीसीआई जनवरी के महीने में पहला अंतरराष्ट्रीय मखाना सम्मेलन और प्रदर्शनी आयोजित करेगा। जिसमें मखाना में काम करने वाले सभी उद्योग और एफपीओ को स्टॉल और बी2बी और खरीदार बैठक के माध्यम से भाग लेंगे।उत्पादन प्रसंस्करण, पहचान और पैसा, पर तीन दिवसीय सम्मेलन के साथ उद्योग और एफपीओ के लगभग 200 स्टाल होंगे। इसमें भारत सरकार और बिहार सरकार के सभी लोग शामिल होंगे। अनुसंधान संस्थान और मखाना से जुड़े उत्पादन विकास संस्था लोग भी शामिल होंगे। पहले मखाना राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे बिहार के 200 से अधिक किसानों और भारत भर के व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों के अलावा कई लोगों ने भाग लिया।उक्त अवसर पर कृषि सचिव डॉक्टर डीएन सरवन कुमार, निदेशक बागवानी मिशन नंदकिशोर, कृषि निदेशक डॉ सीपी सिंह, एजीएम प्रमुख यूपी बिहार और उत्तराखंड डॉ आशुतोष उपाध्याय, प्रोफेसर डॉक्टर बैजनाथ झा, प्रोफेसर राणा सिंह, अनिल कुमार झा, इंदु शेखर सिंह, बीएस आचार्य एवं अन्य वक्ता मौजूद थे।