धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट -ऐतिहासिक – सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को घर बैठे लाखों लोगों ने देखा. सुप्रीम कोर्ट के तीन संवैधानिक पीठों के मामलों को लाइव दिखाया गया. जिसको देश और दुनिया के लाखों लोगों ने देखा. संविधान पीठ में शिवसेना विवाद, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का मामला, और आर्थिक आरक्षण पर मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित की पीठ ने सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश उमेश उदय ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दलील सुनने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उदव ठाकरे को बड़ा झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट की अदालत ने पार्टी के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर लगी रोक हटा दी है. सीधे प्रसारण की शुरुआत उद्धव ठाकरे बना शिंदे कैसे हुई. उसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने आर्थिक आरक्षण को भी सुना. देश में गुजरात पटना समेत आठ हाईकोर्ट में पहले से भी लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध है. आज से लगभग ढाई दशक पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इंसाफ होना ही नहीं चाहिए बल्कि उसे होते हुए दिखना भी चाहिए. हमारी न्यायपालिका अपने प्रतिबद्धता के लिए दुनिया भर में सराही जाती है. अब सुप्रीम कोर्ट के अदालती कार्रवाई का सीधा प्रसारण से उसकी साख और बढ़ेगी.