अजित सिंह की रिपोर्ट /बोकारो आईआरबी जवान सुशील कुमार की गोली लगने से हुई मौत मामले को लेकर परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है. परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए शव को लेने से इनकार कर दिया है. वहीं पुलिस ने परिजनों की लिखित शिकायत भी लेने से मना कर दिया है.
वहीं इस मामले में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने प्रशिक्षु जवान को हथियार दिए जाने और एक साथ ढाई सौ जवानों को ड्यूटी पर भेजे जाने पर सवाल खड़ा करते हुए मामले की जांच की मांग की है।
मृतक जवान सुशील कुमार के परिजनों के साहिबगंज से देर रात बोकारो पहुंचने पर कागजी कार्रवाई शुरू की गई. उपायुक्त के द्वारा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट के द्वारा शव का पोस्टमार्टम करा दी किया गया. लेकिन परिजनों ने शव को लेने से इनकार कर दिया है. मृतक के बड़े भाई का कहना है की पुलिस के अनुसार जो कहा गया वह फर्द बयान दिया गया. लेकिन पुलिस वाले डीएसपी के फर्द बयान पढ़ने के बाद ही मामला दर्ज होने की बात कहने लगे. ऐसे में जिस प्रकार से
स्थिति परिस्थिति सामने आई है. ऐसे में हम कह सकते हैं की भाई की हत्या की गई है. क्योंकि हम लोगों को यह बताया गया था कि भाई को बंदूक की सफाई करने के दौरान गोली लगी .लेकिन यहां ड्यूटी में जाने के दौरान गोली लगने की बात सामने आई है. हम इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की सीएम मांग करते हैं।
वहीं झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने कहा कि घटना दुखद है. लेकिन जिस प्रकार से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जवानों को हथियार दे दिया गया और एक साथ ढाई सौ जवानों को हथियार थमा कर ड्यूटी में भेजा जा रहा था यह जांच का विषय है. क्योंकि जब वह प्रशिक्षण पूरी तरह से प्राप्त नहीं किए हैं तो उन्हें हथियार देना कहीं से भी उचित नहीं है. मामले की जांच की जानी चाहिए. इसको लेकर हम लोग डीजीपी से लेकर सभी अधिकारियों से भी मिलने का काम करेंगे।