शिप्रा की रिपोर्ट /रोहतास के सासाराम में प्राचीन ताराचंडी देवी स्थान में दीपदान की अद्भुत परंपरा है.यहां कई सदी से प्रत्येक वर्ष नवरात्रि में हजारों की संख्या में दीए जलाए जाते है ताराचंडी के दीप दान की परंपरा है जिसकी लौ से पूरा ताराचंडी देवी स्थल जगमग हो जाता है, 9 दिनों तक अखंड दीप जलाए जाते हैं। जो शुद्ध देसी घी से जलते हैं। कहते हैं कि जिनकी मनोकामना सिद्ध हो जाती है; वह लोग यहां आकर दीपदान करते हैं। जिसकी देखरेख स्थानीय पुजारी करते हैं। इसके अलावा जिन्हें अपने मन में कोई इच्छा होती है। उनकी इच्छाओं को पूर्ति के लिए लोग मन्नते रखते हैं। इसके लिए भी अखंड दीपक जलाए जाते हैं। दीप जलाने वाले का नाम दीपक के ऊपर ढक्कन पर लिखा जाता है तथा लगातार नौ दिनों तक 24 घंटा इसकी निगरानी होती है। एक साथ हजारों शुद्ध घी के दिए जलाए जाने से पूरा वातावरण में शुद्धता आ जाती है।