जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 09 अक्तूबर ::जद(यू) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि मोदी सरकार के इशारे पर बैंक, बिहार के औद्योगिक विकास में अड़ंगे डाल रहे हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासनिक निर्णयों एवं निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने की योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।राज्य में अपने उद्योग लगाने के लिए कई प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने आगे आए हैं। इस दिशा में कई महत्वाकांक्षी प्रस्ताव भी राज्य सरकार को निरंतर मिल रहे हैं। लेकिन बैंकों की उदासीनता समझ से परे है।राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट रेसीयो पिछले 17वर्षों में बढ़कर लगभग दुगुना अर्थात 52.83 प्रतिशत तक पहुँचा है, लेकिन अभी भी राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत से बहुत पीछे है। वहीं कई राज्यों में यह अनुपात 100 फीसदी से भी ज्यादा है। स्पष्ट है कि राष्ट्रीयकृत बैंक बिहार के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं।श्री प्रसाद ने कहा कि औद्योगिक विस्तार के लिए राज्य सरकार ने बैंकों के समक्ष 2022-23 में निवेश के लिए 2.4 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा है, जिसमें अभी उन्होंने लगभग 25 फीसदी ही अर्थात 52548 करोड़ रुपए बतौर कर्ज बिहार में निवेश किया है । उक्त बातें उन्होंने खाजपुरा में जद(यू) सदस्यता अभियान शिविर के उद्घाटन करते हुए कही।उक्त अवसर पर ई राजेंद्र यादव, नागेंद्र कुमार, एजाज अहमद, डॉक्टर सुनिता बिंद, कंचनमाला चौधरी, अरुण कुमार सिंह, नौशाद खान, इम्तियाज अहमद,नागेंद्र गिरि, मीनू सिंह, खूशबू कुमारी, कंचनमाला चौधरी, बलिराम जी, विरेंद्र कुमार सिंह, माधुरी पटेल, दिनेश चंद्रवंशी, अरुण कुमार सिंह, वंदना सिन्हा, प्रसून श्रीवास्तव, सरोज देवी, सुरेंद्र प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।